Thursday 17 September 2015

कविता २००. जीवन के सपने

                                                                 जीवन के सपने 
कभी कभी सपने तो दिल में जिन्दा हो जाते है हर बार जब जीवन में नयी शुरुआत होती है कोई ना कोई तो नयी सौगाद मिलती है
पर फिर भी लगता है सपनों का कुछ अलग मंजर होता है जो परखो तो जीवन में नयी शुरुआत देता है जिन सपनों को जी लेते हो उनका अलग अहसास देता है 
जीवन के हर सपने में हम हर बार जी लेते है उनसे ऐसा लगता है की एक जीवन का नया अहसास मिलता है जीवन के हर पल में हम जी लेते है 
उन पलों को परखो तो जीवन का अलग ही राग सुनाई पड़ता है जीवन के हर मोड़ में नई दुनिया बसती है उसके कुछ हिस्सों को हम समजते है 
और कुछ हिस्सों को समजे बिना ही यह दुनिया आगे चलती है जीवन के हर मोड़ में हमें नई सोच का एहसास होता है जीवन में सपना आगे बढ़ता है 
पर कभी कभी एक सपने में ही जीवन गुजरता है लोगों को उसका अफ़सोस होता है पर सपना देखनेवाले से पूछे तो उसे कोई अफ़सोस नहीं होता है 
क्युकी एक ख्वाब में जीवन बीता देना इतना भी बुरा नहीं होता है हर मोड़ पे हम समजे तो जीवन बड़ा नजर आता है उस मोड़ में ही पूरा जीवन गुजर जाता है 
तब जीवन बड़ा नहीं लगता छोटा नज़र आता है अगर जीवन को उस तरह से जी लेते है तो वह जीवन हर बार खुशियाँ देता है 
जीवन के हर मोड़ पर प्यारा एहसास नज़र आता है जीवन के हर सपने में अच्छा एहसास जीवन के हर मोड़ पर नजर आता है 
सपनों के अंदर अलग तरीके का मतलब होता है पर कुछ ख्वाबों के अंदर नई सोच का एहसास हमारे जीवन को नई तरह की रोशनी हर बार देता है 

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