Monday 14 September 2015

कविता १९५. जीवन के अंदर कि सोच

                                                          जीवन के अंदर कि सोच    
जीवन के अंदर अलग कुछ तो असर होता है जीवन में नई सोच का हमेशा असर होता है वह चीज़े हर बार जीवन में कुछ तरह तो असर करती है क्युकी हर बार जीवन में नया नतीजा दिखता है
जीवन तो हमेशा अलग दिशा दिखाता है जीवन में रोशनी जो हमेशा कुछ तो असर देती है जीवन में तरह तरह की सोच जिसमें नये किसम का अर्थ जीवन में होता है पर जीवन के अंदर दुसरे तरह का असर होता है
जीवन पे हमारी हर हरकत का असर होता है जीवन तो आगे प्यार से बढ़ता है पर फिर भी जीवन में नफरत का कुछ ना कुछ असर तो हर बार जरूर होता है जीवन में अंदर नयी रोशनी का आना होता है
जो हर पल में अलग अलग सोच का कुछ सही तरीके का असर होता है सोच में अलग अलग तरीके से जीवन का कुछ तो सही असर जरूर होता है हर सोच में कुछ तो मतलब होता है
जीवन में सही सोच का आना जरुरी होता है अगर वह सोच जीवन पर हमेशा असर करती है सोच में कई खयालों का हमेशा डेरा रहता है सोच के अंदर कुछ तो जीवन का असर होता है
जीवन के अंदर नये नये खयालों का हमेशा रहना होता है जीवन में अक्सर नये चीजों का कुछ तो असर होता है जीवन में कितने सारे विचारों का असर हमेशा होता है
जीवन में जब सही सोच आती है तो उसका दुनिया पर असर होता है जीवन में हर बार बदलने का कुछ तो असर होता है सही सोच का कुछ तो मतलब होता है
जो जीवन के अंदर अलगसा असर आता है जीवन के अंदर कोई तो असर होता है सोच के अंदर नये नये खयालों का आना जाना अक्सर होता है सही खयाल जीवन में आते है
बस उन खयालों को रोकना मुश्किल होता है जब जब सही खयाल जीवन में आते है उन्हें समज लेना बहोत जरुरी होता है खयालों के अंदर सोच का मजबूत असर अक्सर होता है
सोच के अंदर हमेशा खयालों का आना जाना रहता है जीवन में हमेशा इन्सान सोचता रहता है ख़याल तो आगे बढ़ते है उसमे जीवन का कुछ तो असर हर बार तो जरूर होता है 

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