Friday 25 September 2015

कविता २१६. जीवन में नया असर

                                                            जीवन में नया असर
जाने क्यों जीवन में नये असर होते है जब जब हम नई सोचते तभी तो उम्मीदों का असर हमेशा होता रहता है जीवन के अंदर नई सोच जो जिन्दा होती है
जीवन कभी कभी रुकता नहीं अगर हम चलना सीखते है आसमाँ कभी गिरता नहीं तो उम्मीदों के किनारे क्यों गुम होंगे जीवन में आगे जाना ही होता है
हर बार हर पल जीवन को समज भी लेना होता है पर जीवन कभी सही दिखता ही नहीं जीवन में उम्मीदों का कारवाँ रुकता ही नहीं है
जीवन के अंदर कोई नया ख़याल नहीं आता है जो हमें आगे ले जाता है जब तक आगे जाना हमारा मकसद नहीं बन पाता है
जीवन की सही सोच जो हम पर हर बार असर करती है हर सोच के अंदर नई दुनिया बसती है पर हर बात को समजे जो जीवन पर असर करती है
पर हर बार हम कहा जीवन की बात समज लेते है कभी कभी हम रोने की सोच रखते है जिसे हम हर पल हर दम अपने मन में रखते है
जीवन के अंदर उम्मीदे तो अक्सर असर करती है हर बार हम जो समजे तो दुनिया नया रंग देती है जीवन के अंदर वह हर बार असर करती है
जीवन तो बस वक्त का खेल होता है जो हर बार बदलता रहता है जीवन की हर बार नई शुरुआत होती है जो जीवन में हर बार रोशनी लाती है
उम्मीदों के अंदर एक एहसास रखती है जो आगे बढ़ती है हर कदम पर और हमें उम्मीदों की आस देती है जीवन में खुशियों का एहसास देती है
जीवन की सारी बातें जो मन को तसल्ली देती है वह हर बार उम्मीदों से ही तो दुनिया का हिस्सा बनती है दुनिया को समज लेना जीवन पर असर करता है उम्मीदें तो दुनिया में अक्सर पैदा होती है
जो जीवन पर असर कर जाती है  वह उम्मीदे सिर्फ जीवन में आगे बढ़ने से ही हर बार जीवन में आ जाती है जीवन पर कुछ तो असर कर जाती है 

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