Wednesday, 9 September 2015

कविता १८४. बड़ा दिलचस्प किस्सा

                                                          बड़ा दिलचस्प किस्सा 
काटों से हमने फूल चुने है पर जाने क्यों जब काटे चुभे मुश्किल लगता है फूलों को समजना चाहते थे हम पर पहले काटों को समजना पड़ा है
जब जब सीने में दर्द उठा है फूलों ने उसे रोक लिया है काटों से समजे हम फूलों को जीवन का एक हिस्सा समज लिया है
जब जब फूल छूते है जीवन को उनमे काटों का किस्सा मिला है काटों को परखो तो जानो काटों का भी बड़ा दिलचस्प किस्सा मिला है
हालांकि हम काटे नहीं चाहते थे पर जीवन का बस यही सिलसिला है कभी फूल तो कभी काटे हर पल दोनों का किस्सा जीवन में मिला है
फूल और काटे जो दो रूप थे जीवन के जिनका हर बार कोई ना कोई सिलसिला है जब हमें काटे चुभे तो पता चला है
की काटो के अंदर जीवन ही जीवन की कहानी है जो हर पल हर बारी हमें जीवन में दोहरानी है
सिर्फ फूल काफी नहीं होते काटो ने भी बताई है जीवन की ऐसी ही दिलचस्प कहानी है जो हमें हर पल समजी है और जीवन ने समजी हुए एक कहानी है जो जीवन पे असर कर जाये ऐसी कहानी है
सिर्फ फूलों से नहीं काटो से भी दोस्ती हर बार मायने रख जाती है जिन्हे काटो में जिन्दा रखा है ऐसी भी कहानियाँ है जो काटों को हर बार हमें सुननी है और समजानी है
जीवन के रंगों में हर बार सिर्फ फूल नहीं होते कभी कभी काटों की भी कहानी है जो हर कदम पर जीवन में हमें समज लेनी है मन नहीं समजता है लेकिन मन को वह कहानी समजानी है
हर पथ काटे चुभे भी तो उसे दिल से दोहरानी है जिसे हम कभी फुरसत में दिल से पढ़े ऐसी ही वह कहानी है जो जीवन में नई रोशनी लाती है और खुशियाँ भी ले आती है
जो जीवन में आनी जानी है यही सच है की काटों से भरी हमारे जीवन की वह कहानी है जो हर बार जीवन को ठीक से समजनी है और आराम से औरों को हर बार फुरसत में समजानी है 

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