Saturday 12 September 2015

कविता १९१. जीवन के जस्बात

                                                                जीवन के जस्बात
हर बात को समजना आसान तो नहीं होता है पर समज लेते है उसको क्युकी उसमे ही मजा होता है जब जब हम आगे बढ़ जाते है मुश्किलों से हमारे सामने तो होते है
पर फिर भी जीवन मे हर बार इशारे होते है जिनके वजह से हम जीवन को नये तरीक़े से समजे है इस मे भी नये तरीक़े का मज़ा आता है जीवन को समजे तो आगे बढ़ने का मज़ा आता है
जीवन के हर जस्बे को समजने का मजा तो आता है जीवन को हर बार जो हम समजे उसे गलत पर फिर से समजने का मजा आता है माना मेहनत पड़ती है लेकिन जीने का मजा तो आता है
जीवन के हर राह पर कुछ अलग असर तो मिल जाता है जब जब जीवन में कुछ समजे उस हर मोड़ पर अलग सा मजा हमें जीवन दे जाता है मजा तो वह खुशियाँ देता है
जीवन के अंदर अलग तरीके का कुछ असर जीवन में हर बार हो जाता है जीवन को हम समजे तो उसमें दुनिया का हर रोज नया खेल होता है पहले तो मुश्किल लगता है
पर बाद में आसान तो हो ही जाता है जीवन को समजना इतना मुश्किल नहीं लगता है जीवन की हर साँस में फिर रंग नया भरता है जब जब जीवन को समजे वह रंग नया देता है
पहले कुछ पल तो है मुश्किल पर फिर आसान बन जाता है जीवन को परखे तो जीवन कुछ तो अलग असर देता है जब जब हम आगे बढ़ते है तो जीवन तो खुलकर सामने आता है
जीवन तो एक धारा जो आगे बढ़ती रहती है पर हर बार जीवन को समजना थोड़ा मुश्किल लगता है जीवन की धारा में कुछ तो असर होता है जीवन को परखे तो जीवन अपनी गोदी में कई खुशियाँ  रखता है
जीवन के हर मोड़ पर समजना जरुरी लगता है जीवन को हम आसानी से जी लेते है क्युकी जीवन को हर पल सही तरीके से जीना पड़ता है जब जब हम जीवन को समजे उसमे नया मतलब दिखता है
जीवन के जस्बातों को समजो तो उस पर असर तो हर बार हर चीज़ का होता है जीवन के अंदर हर बार नया कोना जिन्दा होता है जो जीवन को एक नया सा रंग हर बार देता है 

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