Saturday 10 November 2018

कविता. २५०१. हर लम्हे को आशाओं कि पुकार।

                                  हर लम्हे को आशाओं कि पुकार।
हर लम्हे को आशाओं कि पुकार जरुरी लगती है हर आस के संग दुनिया कि कहानी कदमों कि दिशाएं बनकर चलती है हर एहसास को रोशनी कि उमंग आशाएं देती है हर खयाल को दिशाओं कि तलाश अहम लगती है हर किनारे को लहरों कि कोशिश नजारे देती है हर खयाल को आशाओं कि पहचान देती है हर इशारे को बदलावों कि तलाश देती है हर परख को आवाजों कि अदा देती है।
हर लम्हे को आशाओं कि पुकार जरुरी लगती है हर आस के संग कोशिश कि कहानी दास्तानों कि तलाश देकर चलती है हर खयाल को अदाओं कि उम्मीद इशारे देती है हर कदम को बदलावों कि उम्मीद इशारे देती है हर जज्बात को दिशाओं कि तलाश लहरे देती है हर दास्तान को इरादों कि तलाश देती है हर आवाज को तरानों कि कोशिश देती है हर अफसाने को दिशाओं कि अदा देती है।
हर लम्हे को आशाओं कि पुकार जरुरी लगती है हर आस के संग तलाश कि कहानी कदमों कि उम्मीद देकर चलती है हर अंदाज को दास्तानों कि तलाश राहे देती है हर आवाज को तरानों कि कोशिश खयाल देती है हर किनारे को सहारे कि उमंग इशारे देते है हर जज्बात को लहरों कि जरुरत देते है हर अफसाने को दिशाओं कि पुकार देती है हर एहसास को किस्सों कि अदा देती है।
हर लम्हे को आशाओं कि पुकार जरुरी लगती है हर आस के संग कोशिश कि उमंग दिशाओं कि कहानी देकर चलती है हर खयाल को एहसासों कि आंधी उम्मीदे देती है हर खयाल को दिशाओं कि पुकार तराने देती है हर कदम को बदलावों कि अदा दिशाएं देती है हर आवाज को तरानों कि अहमियत देती है हर उमंग को दास्तानों कि पहचान देती है हर अंदाज को दास्तानों कि अदा देती है।
हर लम्हे को आशाओं कि पुकार जरुरी लगती है हर आस के संग तलाश कि आवाज राहों कि पहचान देकर चलती है हर आवाज को तरानों कि परख उजाले देती है हर किनारे को लहरों कि जरुरत एहसास देती है हर कदम को एहसासों कि आस देती है हर उजाले को अंदाजों कि जरुरत देती है हर पुकार को दिशाओं कि तलाश देती है हर आवाज को तरानों कि अदा देती है।
हर लम्हे को आशाओं कि पुकार जरुरी लगती है हर आस के संग किनारे कि पहचान इशारों कि तलाश देकर चलती है हर उम्मीद को खयालों कि सुबह इशारे देती है हर आस को इरादों कि कोशिश उजाले देती है हर अंदाज को कदमों कि तलाश देती है हर सुबह को उजालों कि रोशनी देती है हर अफसाने को किरदारों कि खुशियां देती है हर दास्तान को एहसासों कि अदा देती है।
हर लम्हे को आशाओं कि पुकार जरुरी लगती है हर आस के संग तराने कि कोशिश इरादों कि सरगम देकर चलती है हर अंदाज को किनारों कि लहर आशाएं देती है हर आवाज को तरानों कि सौगात देती है हर सुबह को उजालों कि पहचान देती है हर कदम को बदलावों कि उम्मीद देती है हर किनारे को लहरों कि जरुरत देती है हर पहचान को दिशाओं कि दास्तान अदा देती है।
हर लम्हे को आशाओं कि पुकार जरुरी लगती है हर आस के संग किनारे कि लहर राहों कि तलाश देकर चलती है हर खयाल को आशाओं कि पहचान रोशनी देती है हर अंदाज को कदमों कि पहचान देती है हर आवाज को तरानों कि कोशिश देती है हर रोशनी को उजालों कि तलाश देती है हर परख को लम्हों कि जरुरत देती है हर अंदाज को कदमों कि आहट अदा देती है।
हर लम्हे को आशाओं कि पुकार जरुरी लगती है हर आस के संग इरादे कि पहचान इशारों कि पुकार देकर चलती है हर तराने को आवाजों कि कोशिश उजाले देती है हर परख को दास्तानों कि तलाश देती है हर उमंग को दास्तानों कि सौगात देती है हर जज्बात को बदलावों कि पुकार देती है हर खयाल को दिशाओं कि उम्मीद देती है हर परख को आवाजों कि सौगात अदा देती है।
हर लम्हे को आशाओं कि पुकार जरुरी लगती है हर आस के संग इशारे कि उम्मीद दिशाओं कि उम्मीद देकर चलती है हर उजाले को अंदाजों कि सौगात किनारे देती है हर राह को आशाओं कि सुबह देती है हर उम्मीद को खयालों कि रोशनी देती है हर उजाले को अंदाजों कि पहचान देती है हर अल्फाज को बदलावों कि तलाश देती है हर आवाज को तरानों कि समझ अदा देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६०. आवाज को दिशाओं की।

                              आवाज को दिशाओं की। आवाज को दिशाओं की उमंग अफसाना दिलाती है लम्हों को खयालों की मुस्कान कोशिश दिलाती है दास्तान...