Saturday 17 November 2018

कविता. २५१६. हर उमंग कि धारा से नयी रोशनी निकलती है।

                                  हर उमंग कि धारा से नयी रोशनी निकलती है।
हर उमंग कि धारा से नयी रोशनी निकलती है सन्नाटे से निकलकर कोई आवाज अंदाज बदलती है धरती से मिलकर बूंद फूलों के रंगों मे बदलती है एहसास कि आंधी एक नया इतिहास बनकर संवरती है हर कदम को नयी दिशाएं गुंज बनकर निकलती है कोई सोच कि सीधी धारा तूफानों सा रंग बदलकर निकलती है सीधी रेखा भी तलवार कि भांती दुनिया का रंग बदलकर चलती है।
हर उमंग कि धारा से नयी रोशनी निकलती है सन्नाटे से निकलकर कोई आवाज इरादे बदलती है आसमान के हर परिंदे संग एहसासों कि दिशाएं बदलती है उडान के किनारे को दिशाओं कि पुकार बनकर चलती है रोशनी कि धारा के संग दुनिया अक्सर रंग बदलकर चलती है आस के एहसास को कदमों कि आहट इशारे देकर चलती है हवा के झोंके संग एहसासों कि लहर बदलकर चलती है।
हर उमंग कि धारा से नयी रोशनी निकलती है सन्नाटे से निकलकर कोई आवाज दास्तान बदलती है बादलों के नजारे को मौसमों कि कोशिश बदलती है नजारे के मौसम को बदलावों कि उम्मीद आशाओं के इशारे संग देती है सुबह के समय को रंगों कि सौगात को इशारे देती है उजाले को अंदाजों कि कोशिश क्षितिज के रोशनी कि धाराएं देकर चलती है बादलों के नजारों कि रोशनी बदलकर चलती है।
हर उमंग कि धारा से नयी रोशनी निकलती है सन्नाटे से निकलकर कोई आवाज एहसास बदलती है उजालों के तराने को आसमानों के रंगों संग उम्मीद देकर बढती है अंदाज के उजालों को कोशिश को लहर देती है रोशनी कि पहचान को आसमान कि उम्मीद बनकर लेकर चलती है नजारे को हवाओं कि कहानी देकर चलती है किनारों के लहरों कि जरुरत बदलकर चलती है।
हर उमंग कि धारा से नयी रोशनी निकलती है सन्नाटे से निकलकर कोई आवाज दिशाएं बदलती है एहसासों के उमंग को दिशाओं के लहरों कि परख देकर चलती है अदा के आवाजों को दास्तानों कि तलाश देती है उजालों कि रोशनी को सूरज के पहचान कि सरगम देकर चलती है दिशाओं कि पुकार को दास्तानों कि तलाश राहे देकर चलती है हर सुबह को उजालों मे बदलकर चलती है।्््््््
हर उमंग कि धारा से नयी रोशनी निकलती है सन्नाटे से निकलकर कोई आवाज किनारे बदलती है उजालों के रोशनी को आशाओं के इशारों कि समझ देकर चलती है दिशा के दास्तानों कि आवाजों कि कोशिश देती है अंदाज के तराने को लहरों कि जरुरत देती है खयाल कि आंधी को उम्मीदों कि तलाश देकर चलती है हर इशारे को बदलावों कि तलाश देकर राहे बदलकर चलती है।
हर उमंग कि धारा से नयी रोशनी निकलती है सन्नाटे से निकलकर कोई आवाज इशारे बदलती है उम्मीदों कि तलाश कि सुबह देती है दास्तान के इशारे को किनारे देकर चलती है राह को आशाओं कि पहचान देती है उजाले के रोशनी को कदमों कि पहचान देती है रंगों कि सरगम संग एहसासों कि तलाश देकर चलती है रोशनी कि उमंग को दिशाओं कि कोशिश देकर दास्ताने बदलकर चलती है।
हर उमंग कि धारा से नयी रोशनी निकलती है सन्नाटे से निकलकर कोई आवाज पुकार बदलती है रोशनी कि पहचान को जज्बातों कि कोशिश देकर चलती है नजारों कि तलाश रोशनी को दास्तानों कि उम्मीद देती है इरादे को तरानों कि सौगात को लहरों कि जरुरत देकर चलती है इशारे को लहरों कि परख देकर चलती है आस कि कोशिश को उजालों कि तलाश देकर किनारे बदलकर चलती है।
हर उमंग कि धारा से नयी रोशनी निकलती है सन्नाटे से निकलकर कोई आवाज रोशनी बदलती है उजालों कि दुनिया को नया मतलब देकर चलती है मौसम कि नयी कहानी को अरमानों कि कोशिश देती है इशारे को बदलावों कि उम्मीद को एहसासों कि पहचान देकर चलती है आसमान के रंगों कि कहानी को बादलों कि रोशनी देकर चलती है अदा को एहसासों कि उम्मीद देकर राहे बदलकर चलती है।
हर उमंग कि धारा से नयी रोशनी निकलती है सन्नाटे से निकलकर कोई आवाज किनारे बदलती है उम्मीदों कि तलाश को सूरज कि रोशनी देकर चलती है उजालों कि किरण को आशाओं कि उम्मीद देती है आस को इशारों कि पहचान देती है सूरज कि रोशनी अफसानों कि आस देती है किरणों कि परख एहसासों कि कोशिश देती है अंदाज को कदमों कि तलाश देकर अदाएं बदलकर चलती है।

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