Wednesday 14 November 2018

कविता. २५०९. कोई धारा उमंगों कि पहचान देती है।

                                   कोई धारा उमंगों कि पहचान देती है।
हर जवाब के संग कोई धारा उमंगों कि पहचान देती है हर आस को इशारों कि आवाज देती है हर खयाल को लम्हों कि जरुरत देती है हर जज्बात को अफसानों कि पुकार देती है हर उजाले को रोशनी कि आस देती है हर पल को लम्हों कि तलाश देती है हर सुबह को उजालों कि उम्मीद देती है हर अंदाज को कदमों कि तलाश देती है हर पुकार को दास्तानों कि आस देती है हर तलाश को दिशाएं देती है।
हर जवाब के संग कोई धारा उमंगों कि पहचान देती है हर आस को इरादों कि सौगात देती है हर पुकार को दास्तानों कि तलाश देती है हर आवाज को तरानों कि पहचान देती है हर कोशिश को सुबह कि रोशनी देती है हर दिशा को कदमों कि तलाश देती है हर पुकार को दास्तानों कि उमंग देती है हर जज्बात को किनारों कि तलाश देती है हर आस को इरादों कि कोशिश देती है हर खयाल को दिशाएं देती है।
हर जवाब के संग कोई धारा उमंगों कि पहचान देती है हर आस को दास्तानों कि परख देती है हर जज्बात को लहरों कि आंधी देती है हर परख को आवाजों कि तलाश देती है हर कोशिश को उजालों कि उम्मीद देती है हर उमंग को तरानों कि पहचान देती है हर आस को इरादों कि कोशिश देती है हर कदम को जज्बातों कि उम्मीद देती है हर अंदाज को इशारों कि पहचान देती है हर आवाज को दिशाएं देती है।
हर जवाब के संग कोई धारा उमंगों कि पहचान देती है हर आस को किनारों कि लहर देती है हर परख को आवाजों कि सौगात देती है हर खयाल को आशाओं कि उमंग देती है हर दास्तान को दिशाओं कि पुकार देती है हर कोशिश को उजालों कि सौगात देती है हर किनारे को लहरों कि जरुरत देती है हर अदा को एहसासों कि परख देती है हर राह को बदलावों कि उम्मीद देती है हर अदा को दिशाएं देती है।
हर जवाब के संग कोई धारा उमंगों कि पहचान देती है हर आस को इशारों कि पुकार देती है हर किनारे को लहरों कि जरुरत देती है हर सुबह को उजालों कि तलाश देती है हर सूरज को उम्मीदों कि तलाश देती है हर परख को आवाजों कि पहचान देती है हर अंदाज को दास्तानों कि पहचान देती है हर आस को इशारों कि पुकार देती है हर अफसाने को किरदारों कि जरुरत देती है हर राह को दिशाएं देती है।
हर जवाब के संग कोई धारा उमंगों कि पहचान देती है हर आस को इरादों कि तलाश देती है हर खयाल को दिशाओं कि पुकार देती है हर कोशिश को दिशाओं कि सौगात देती है हर उम्मीद को दास्तानों कि पहचान देती है हर अंदाज को कदमों कि कोशिश देती है हर परख को लम्हों कि जरुरत देती है हर दास्तान को इरादों कि कोशिश देती है हर दिशा को बदलावों कि तलाश देती है हर कदम को दिशाएं देती है।
हर जवाब के संग कोई धारा उमंगों कि पहचान देती है हर आस को जज्बातों कि उम्मीद देती है हर अल्फाज को बदलावों कि उम्मीद देती है हर किनारे को लहरों कि जरुरत देती है हर आस को इरादों कि तलाश देती है हर अफसाने को जज्बातों कि आवाज देती है हर पुकार को दास्तानों कि तलाश देती है हर आवाज को तरानों कि परख देती है हर आस को इशारों कि पुकार देती है हर आवाज को दिशाएं देती है।
हर जवाब के संग कोई धारा उमंगों कि पहचान देती है हर आस को दास्तानों कि तलाश देती है हर अफसाने को दिशाओं कि सौगात देती है हर आवाज को तरानों के इशारे देती है हर आस को इशारों कि परख देती है हर खयाल को आशाओं कि सौगात देती है हर उम्मीद को खयालों कि पहचान देती है हर परख को दिशाओं कि कोशिश देती है हर अंदाज को दास्तानों कि पहचान देती है हर खयाल को दिशाएं देती है।
हर जवाब के संग कोई धारा उमंगों कि पहचान देती है हर आस को कदमों कि सौगात देती है हर अंदाज को किनारों कि लहर देती है हर अफसाने को आशाओं कि परख देती है हर खुशी को दिशाओं कि पहचान देती है हर अदा को एहसासों कि सौगात देती है हर सुबह को उजालों कि तलाश देती है हर दिशा को बदलावों कि उम्मीद देती है हर खयाल को आशाओं कि तलाश देती है हर कदम को दिशाएं देती है।
हर जवाब के संग कोई धारा उमंगों कि पहचान देती है हर आस को किनारों कि लहर देती है हर खयाल को दास्तानों कि तलाश देती है हर अंदाज को अदाओं कि सरगम देती है हर पुकार को दास्तानों कि लहर देती है हर आवाज को तरानों कि सुबह देती है हर रंग को एहसासों कि उमंग देती है हर जज्बात को अफसानों कि तलाश देती है हर आस को इरादों कि लहर देती है हर अंदाज को दिशाएं देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१५९. किनारों को सपनों की।

                              किनारों को सपनों की। किनारों को सपनों की आहट तलाश दिलाती है नजारों को दिशाओं की कोशिश संग अरमानों की पहचान देक...