Saturday 12 December 2015

कविता ३७२. कोने मे बसे खयाल

                                          कोने मे बसे खयाल
किसी कोने से अलग खयाल के साथ जीवन को समज लेना हर बार जरुरी होता है हर कोने मे जीवन का रंग ही होता है जो जीवन को हर बार अलग मतलब दे जाता है
कोनों मे ही जीवन का रंग कुछ अलग ही दिखता है उस रंग से ही जीवन को एक राह अलगसी और एहसास जुदासा मिलता है कोने मे ही जीवन हर बार साँसे देता है
हर बार जीवन के हर कोने को समज लेने का एहसास जुदा दिखता है जिस कोने को परखे उसे समज लेना अक्सर जरुरी लगता है हर कोने के अंदर खयाल जुदा होता है
कोने के अंदर जीवन का एहसास नया होता है उस कोने मे जीवन का सार अलग दिखता है कोनों मे जीवन का मतलब अलग तरीके का हर बार जीवन को मिलता है
कोनों के अंदर जीवन का नया नतीजा दिखता है जिसे समज लेते है तो हर मतलब बदल जाता है कोनों मे ही अक्सर जीवन का मतलब छुपा हुआ मिलता है
कितना आसान होता अगर मतलब सीधे से जीवन को छू जाता पर जीवन तो हर बारी अलग अलग धाराओं मे चलता है वह कभी नही रुक पाता वह कई दिशाओं मे चलता है
जीवन कि राहे आसान कभी नही होती वह हर मोड पर हर दिशा को बदलती जाती है हर कोने को समज लेना क्योंकि उसका एहसास अलग तरह का होता है
मन कि यह उम्मीद कि राह सही हो जीवन को खुशियाँ देती है वह जीवन कि अलग और नई दुनिया बना लेती है जीवन को मतलब वह राह ही जीवन मे देती है
कोनों के अंदर अलग सोच हर बार होती है हर कोने मे जीवन का मतलब हर बार अलगसा होता है कोने मे जीवन का एहसास जुदा है उसे समज लेना मुश्किल होता है
कोने मे ही जीवन हर बार जिन्दा होता है जो जीवन को कई उम्मीदे दे जाता है कोने मे ही जीवन हर बार अलग असर  मिलता है कोने मे ही जीवन जिन्दा हर बार रहता है

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