Wednesday, 30 December 2015

कविता ४०९. बात जो कही

                                                 बात जो कही
बाते तो कई जीवन मे एहसास दे जाती है क्योंकि बाते ही तो जीवन को मतलब दे कर आगे लाती है बातों के अंदर कई एहसास छुपे से है जिन्हे परख लेने से जीवन मे बात आगे बढ जाती है
वह बाते जो मन को छू कर उम्मीद कि लकिर बनाती है वही बाते जीवन मे नया संगीत लाती है बातों का तो एक जाल जीवन मे बुना है उसे समज लेना हर बारी आता है
बात ही तो जीवन कि आशा होती है जिसे समज लेने कि हर मोड पर जरुरत होती है बात तो जीवन को रोशनी देती है बात को मतलब देना जीवन कि जरुरत होती है
बात की नई सोच जीवन को मतलब दे जाती है बात मे अलग मोड तो हर बार आते है बात के अंदर ही अलग सोच जिन्दा हो जाती है बात को परख लेना मुश्किल होता है
बात को सही चीज रोशनी दे जाती है बात जिसमे मकसद हो वही एहसास सही जगाती है बात तो वही है जो आगे बढ पाती है वह हमारे जीवन मे उम्मीदे दे जाती है
बातों को समज लेना जीवन कि जरुरत होती है बात के अंदर एक ताकद होती है जो जीवन को हर बार आगे ले जाने कि उम्मीद देती है बात ही जीवन को ताकद देती है
बात ही तो जीवन को नये किनारे देती है बात जिसमे जीने कि नई उम्मीद हर बार होती है बात ही तो जीवन को नया मतलब दे जाती है उसमे ही जीवन का आगे चलना लिखा होता है
बात ही तो मतलब दे जाती है उस मे ही कई राते छुपी होती है बात जो हमारे जीवन को ताकद देती है बात ही तो आगे ले जाने पर ही तो समज आती है कि वह सच्ची या झूठी होती है
बात जो जीवन को जमीन पर लाती है वही तो हमे मेहनत सिखाती है बात ही तो जीवन को आगे ले जाती है बात ही तो असली मतलब दे जाती है बात ही मेहनत सिखाती है
बात के अंदर ही तो जीवन का सही रंग भरा होता है वही बात ही तो मतलब देती है पर सही बात तक पहुँचने के लिए हर बात ध्यान से हर बार सुननी पडती है

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