Thursday 10 December 2015

कविता ३६९. हवा का एहसास

                                           हवा का एहसास
हवा का एहसास जो जीवन को मतलब दे जाता है सारे एहसास से भी कभी कभी जीवन उम्मीदे दे जाता है हवा का हर स्पर्श हमे जीवन देता है क्योंकि वह उम्मीद दे जाता है
हवा के हर एहसास मे जीवन जिन्दा होता है हवा के हर चंचल एहसास जीवन के संग खुशियाँ दे जाता है हवा को समज लेना ही जीवन को मतलब देता है
हवा के एहसास मे जीवन को नया मतलब मिल जाता है हवा के हर आस मे जीवन अलग एहसास जगा देता है हवा के अंदर जब जीवन को मतलब मिलता है
हवा के भीतर जीवन ताकद कि लकिर दे जाता है साँसे ही तो जीवन को मतलब देती है उन्हे समज लेने से ही जीवन कि धारा समज जाती है हवा के स्पर्श से ही जीवन जिन्दा होता है
कभी कभी ऐसा लगता है हवा ही तो हमारी साँस होती है जो जीवन को अलग अलग मतलब और एहसास देती है शायद हवा मे ही जीवन का कोई एहसास छुपा होता है
हवा के अंदर हर मोड मे साँस भी बसी हुई होती है उनके बिना जीवन को उम्मीद देती है हवा के अंदर अलग सोच हर बार होती है हवा ही जीवन कि जरुरत होती है
अच्छी सोच ही जीवन को नया मतलब दे जाती है पर हवा जब अच्छी लगती है तो ही जीवन मे सही तरह कि सोच आती है सोच को सही तरीके से आने कि उम्मीद हवा ही जीवन को दे जाती है
हवा के शीतलता से ही दुनिया नया रुप हर बार पाती है वही तो जीवन को रोशनी हर बार दे जाती है हवा ही जीवन को मतलब दे जाती है पर हवा को कहाँ हम समज पाते है
हवा ही तो जीवन का एहसास होती है पर उसे हम आसानी से नही समज पाते है हवा ही जीवन को बनाती है पर उसके समज ने कि फुरसत हमे कहाँ होती है
हवा ही तो जीवन को मतलब दे जाती है तो क्यों ना कुछ पल हम समजे हमारी जरुरत हरीयाली है रास्ते तो अहम होते है पर उतनी अहम हमारे पेड हमारी हरीयाली है

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