Monday 7 December 2015

कविता ३६२. ख़यालों कि ठंडक

                                    ख़यालों कि ठंडक
जब जब मन उम्मीदों कि ठंडक मन मे रखता है तब तब ही तो मन को अलग किनारा मिलता है ठंडक तो जीवन कि एक सोच होती है जो हर बार जीवन को ठंडक दे जाती है
हवाओं मे हमारे ख़ुशियाँ दे जाती है वही ठंडक तो जीवन मे ख़ुशियाँ लाती है उसे समज लेने से ही दुनिया बन पाती है जीवन कि ठंडक मन कि प्यास होती है
ठंडक तो मन को उजाला देती है हर एक पल मे नया एहसास देती है ठंडक हर बार नया विश्वास देती है जो जीवन को आसानी से उम्मीद दे जाती है वह ठंडक जीवन का एहसास बन जाती है
ठंडक जो जीवन कि सुबह बनती है वही तो जीवन का नया एहसास बन जाती है ठंडक के अंदर अलग प्यास होती है जो साँसों को नई धड़कन हर बार होती है
जो जीवन कि राहों को अलग सोच देती है ठंडक जो मन मे अलग मोड़ बनाती है वह ठंडक सिर्फ़ अच्छाई से ही जीवन मे आती है ठंडक जीवन को मतलब दे जाती है
हर ठंडे एहसास मे ख़ुशियाँ हर बार होती है क्योंकि मन कि ठंडक ही जीवन को नई उम्मीद जिन्दा हो जाती है नई सोच जो जीवन को रोशनी दे जाती है
ग़लत ख़याल जो जीवन को दर्द देते है वह जीवन जो नई उम्मीद दे जाता है वह ठंडे दिमाग़ से ही जीवन को आगे ले जाते है जब हम शांत सोच मे काम लेते है
तभी जीवन मे नई सुबह होती है क्योंकि शांत ख़याल ही जीवन को मुसीबत से बाहर ले जाता है ठंडे सोच से ही जीवन रोशनी पाता है ठंडा ख़याल ही ज़रूरी होता है
ख़याल जो जीवन को रोशनी देते है जो जीवन को सही मोड़ दे जाते है उन ख़यालों को परख लो जो रोशनी दे जाते है वही तो जीवन को अलग एहसास दिखाते है
ठंडक तो वह होती है जो जीवन को रोशनी देती है उस ठंडक के अंदर अलग तरह कि सोच हर बार असर कर जाती है शांत ख़याल से ही जीवन मे रोशनी दे जाते है

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