Thursday 31 December 2015

कविता ४११. मौसम का मतलब

                                               मौसम का मतलब
बहार तो हर बार आती जाती है पर हमने देखा है हँसी तो बस सोच को सही रखने से आती है बहार को क्या समजे जो उम्मीद लाती है हर बार साँस बन के जीना वही तो सिखाती है पर पतझड भी तो साथ निभाती है
हर मौसम अपना एहसास अलग लाता है जिसे समज लेने से जीवन मे नई शुरुआत आती है पर हर बार कहाँ समज लेंगे हम मौसम को उनको कई बार हम अनदेखा आसानी से कर जाते है
बदल जाना तो मौसम की फिदरत है पर हम कहाँ उन्हे समज पाते है मौसम तो बदल जाते हर मोड़ पर कई बार हम उन्हे भुला भी देते है मौसम को रौनक तो हर बार अलग सोच से आती है
जीवन मे हम हर मोड़ पर अलग रुप को देखा करते है मौसम का बदलाव जीवन का मतलब है मौसम तो हर बार बदलते रहते है जिनके उम्मीद मे जीते है हम हर कदम पर उस मौसम मे अलग मकसद देख लेते है
मौसम तो हर बार अलग अंदाज देता है जीवन मे मौसम ही जीवन कि ताकद बनते है मौसम का बदलाव देता है अलग मतलब जीवन को उसे समज लेना हमे जरुरी नही लगता है मौसम को तो हर बार बदलना ही होता है
ऐसा सोच कर ही हमारा जीवन निकल जाता है मौसम तो जीवन कि ताकद बनते है पर हम कहाँ उन्हे समज पाते है जिन मौसम कि बजह से जीवन आगे बढता है मौसम ही तो जीवन कि ताकद हर बार होता है
मौसम को परख लेना जीवन को साँस देता है उसे परखे तो ही जीवन को मतलब मिलता है मौसम ही तो जीवन कि असली जरुरत होता है मौसम का बदलाव ही तो हमे जीवन हर बार दे जाता है
मौसम को समज लेना हमे जीवन देता है पर जीवन बिन मौसम को देखे ही कई बार आगे बढ जाता है मौसम ही तो जीवन को अलग रंग हर बार दे जाता है मौसम तो हमारा सच्चा साथी होता है
मौसम ही जीवन मे हर मोड़ पर अलग किसम का बदलाव देता है मौसम मे ही अलग एहसास भरा होता है मौसम ही तो जीवन कि वह ताकद है जिसे जाने क्यूँ हम हर बार मेहसूस करते रहते है
मौसम ही तो जीवन को वह मोड़ दे जाते है जो जीवन को मतलब देते है मौसम ही कई रंग हर बार दे जाता है मौसम ही तो जीवन कि सही ताकद हर बार होता है जो जीवन को उम्मीदे दे जाता है

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