Tuesday 29 December 2015

कविता ४०६. हँसी कि जरुरत

                                                हँसी कि जरुरत
हँसते हुए जीवन कि धारा को मतलब हम हर बार दे जाते है जब हम हँसते है नई पुकार जीवन को दे जाते है जीवन को समज लेना हर बार उम्मीदे दे जाता है
हँस के जीवन मे नई सुबह हर बार आती है जिसे परख लेने से नई सोच जीवन को नई दिशा दे जाती है जीवन कि हर राह कुछ अलग ही नजर आती है
हँसी ही तो जीवन को एहसास दे जाती है जीवन का मतलब तो जीवन कि साँसे जो हँसी मे होती है वही तो हर बार बातों को मतलब दे जाती है हँसी तो जीवन कि वह जरुरत होती है
हँसना तो जीवन मे हर मोड पर अहम होता है हँसने को अगर हम समज लेते है तो जीवन पर असर हर बार होता है हँसना हर बार जरुरी जीवन मे होता है
हँसना तो हर बार साँसे दे जाता है जीवन को हर मोड पर नई खुशियाँ हर बार दे जाता है हँसना जीवन मे नई सुबह लाता है पर हँसते हँसते ही जीवन मे रोना आता है
उस हँसी कि उम्मीद से ही जीवन नई शुरुआत लाता है हँसना तो जीवन की रोशनी  होता है जीवन मे तो हँसना जरुरी होता है हँसी जीवन कि जरुरत होती है
हँसी जीवन कि शुरुआत होती है जो जीवन कि नई राह होती है हँसना जीवन कि अहमियत होती है हँसी ही जीवन कि नई किरण होती है हँसी हमारी जरुरत होती है
हँसी से ही हमारी जीवन कि नई रोशनी हर बार होती है हँसी ही तो हर सोच कि शुरुआत होती है हँसी ही हमारी ताकद होती है हँसी हमारा नया एहसास होती है
हँसी तो जीवन को मतलब देती है हँसी ही तो वह धारा होती है जो जीवन को खुशियों का एहसास देती है हँसी हमारी शुरुआत नही होती है पर वह हमारा एहसास होती है
हँसना ही जीवन कि जरुरत होती है हँसी ही तो वह ताकद होती है जो हमे हर बार पानी होती है हँसी ही तो जीवन कि सही तरह कि शुरुआत होती है जो हमारी सच्ची उम्मीद होती है

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