Friday 11 December 2015

कविता ३७०. सही और गलत सोच

                                        सही और गलत सोच
जीवन को हर बार कोई अलग मतलब मिल जाता है उसी मे हर बार अलग मौका तो मिल जाता है जीवन मे कभी गलत राह पर भी रुकना भी होता है उस राह को भुलाना गलत नही होता है
कभी सही तो जीवन कि नई शुरूआत बन जाता है पर कभी कभी गलती से भी शुरूआत होती है उसे समज लेने से जीवन को गलत पेहचान मिलती है
पर परख लो तो जीवन अलग अलग मतलब दे जाता है जिसेे समज लेना जरुरी नजर आता है गलत और सही तो जीवन के दो सिक्के होते है सही और गलत दो दिशाओं को मतलब मिल जाते है
पर कभी कभी जीवन गलत मौकों को भी समज लेता है क्योंकि जीवन को गलत  से भी उतना ही लेना देना होता है जितना वह सही को समज लेता है तो गलत को समज लेना जरुरी होता है
जीवन को मतलब आखिर मे वही तो देता है क्योंकि उसे गलत से अलग करना ही जीवन को मतलब दे जाता है गलत और सही दोनों को आगे ले जाता है
गलत को ही सही करना जीवन को साँसे देता है गलत सोच का बदल लेना जीवन कि जरूरत बनता है क्योंकि गलत तो जीवन मे आकर ही जीवन को बदल देता है
गलत सोच होती है उस सोच को मतलब दे जाता है वह तो जीवन को अनचाहे रंग दिखाती है गलत को सही करना जीवन को मतलब दे जाता है गलत चीज सही हो जाती है
जीवन को हर बार मजा तो सोच से ही आता है पर गलत राह भी आती है वह तो तूफान से जीवन को बदल देती है जीवन को दिशा देना उन्हे समज लेना जरूरी होता है
उस गलत को पार करना जीवन के लिए जरूरी होता है क्योंकि आगे बढना ही जीवन कि सच्ची जरुरत हर बार होती है जो हमे गलत से सही दिशा मे जाने कि जरुरत होती है
जीवन को सही दिशा मे ले जाता है वही जीवन को आगे ले जाता है जो हर बार जीवन को एक अलग तरह का मतलब देती है वह हमे आगे जाने कि उम्मीद देती है

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