Sunday, 13 December 2015

कविता ३७५. लम्हे में जीना

                                                                लम्हे में जीना
हर लम्हे को समज लेना जीवन में आगे ले जाता है उन्हें समज लेना जीवन में रोशनी पाता है लम्हा तो जीवन को मतलब दे जाता है
लम्हा ही जीवन को हर मोड़ पर अलग असर दे जाता है लम्हा जिसे परख लेंगे तो जीवन को मतलब मिलता है  हर बार अलग एहसास मिल जाता है
लम्हे ही तो जीवन को सही सोच दे जाता है लम्हे जीवन को सही सोच हर बार दे जाते है लम्हा हर बार जीवन को खुशियाँ तो दे ही जाता है
पर कभी कभी वह जीवन को समज नहीं पाता है लम्हा तो जीवन का मतलब सिखाता है जीवन के अंदर अलग सोच उम्मीद दे जाती है
लम्हा ही तो जीवन बन जाता है हर लम्हे जीवन को अलग मतलब दे जाते है हर लम्हा जीवन को अलग राह दिखाता है
लम्हे को जीवन की तो जरूरत बनाते है हर लम्हे में जीवन नई सोच दे जाता है लम्हा तो जीवन में कोई मतलब दे जाता है
नई जरूरत जो जीवन को आगे ले जाती है लम्हा तो जीवन को साँसे दे जाता है लम्हा ही तो हमारा जीवन बनाता है लम्हा ही उसे जिन्दा कर जाता है
लम्हे में ही जीवन नज़र आता है लम्हे को हर पल समजे तो जीवन को मतलब मिलता है लम्हा ही जीवन बनाता है
लम्हा ही तो जीवन को दिल से आगे ले जाता है लम्हा ही तो जीवन की यही शुरुआत बन जाता है लम्हे तो जीवन को सही ओर ले जाता है
लम्हा ही जीवन को मकसद देता है लम्हा ही हमारा जीवन बनाता है लम्हा ही जीवन की धारा बन जाता है लम्हा ही जीवन की रोशनी होता है लम्हे में जी लेना तभी जीवन खुशियाँ लाता है 

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