Sunday 6 December 2015

कविता ३६१. सीधी राह का टेढापन

                                 सीधी राह का टेढापन
कभी सीधी राह पर तेढा चलना गलती से हो जाता है गलती से सही खत को उलटा पढ़ लिया जाता है सीधी राह पर भी एहसास अलगसा दिखता है पर कभी कभी जीवन मे राह समज लेना मुश्किल हो जाता है
जब जब हम सामने चले तो दिशा समज लेना मुश्किलसा हो जाता है क्योंकि राह पर चलना सीधी तरह से दुनिया को कहाँ रास आता है राह सीधी हो या टेढी उसे समज लेना आसान नहीं होता है
पर अक्सर टेढी राह पर चलना जीवन मे लोगों के लिए ख़ुशियों का एहसास लगता है जिन्हें समज लेते उन राहों मे जीवन को सीधे से ले जाना हर बार ज़रूरी लगता है
राह जो सीधी आगे बढ़ती है उसे टेढी बनाने से मन कतराता रहता है पर सीधी राह से ज़्यादा उल्टी राह पर चलना हर बार मुश्किल बन जाता है राह का अलग एहसास जीवन मे रोशनी लाता है
राहों के अलग अलग मतलब जीवन को अलग सोच दे जाते है सीधी बढ़ती राह मे टेढी सोच कभी कभी गलती से आ भी जाती है जो जीवन को सही दिशा दिखा जाती है
राह जो जीवन के अंदर हर बार उम्मीद का उजाला देती है उस राह को सीधी तरह से चलना जीवन कि उम्मीद होती है टेढी राह अक्सर जीवन मे मुश्किल देती है
सीधे राह से चलना जीवन कि उम्मीद होती है पर टेढी राह पर ही ज़्यादा चहल पहल होती है तो उसी वजह से कभी कभी हम उस राह पर कदम रखते है वही जीवन कि गलती होती है
जब सीधी के जगह टेढा कदम पड़ जाता है क्योंकि वही तो किस्मत को मतलब दे जाता है क्योंकि वही अपनी बरबादी कि ठोस वजह बन जाता है जीवन का गीत बेसूरा बन जाता है
सीधी राह मे चलना हर बार मुश्किल सा नज़र आता है इसलिए नहीं कि हम नहीं चाहते पर इसलिए क्योंकि जीवन का मतलब ही तो आसानी से समज नहीं आता है
पर राह सीधे से कहाँ चल पाती है वह कभी कभी हमे मुसीबत मे डाल जाती है क्योंकि जीवन मे कभी कभी वही टेढी बन जाते है सही राह कि उम्मीद मे हम ग़लत चले जाते है उप्परवाले से बस यही दुआ दे वह हर राह हमारी सही बना दे

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१४६. सपनों को एहसासों की।

                               सपनों को एहसासों की। सपनों को एहसासों की कहानी कोशिश दिलाती है लहरों को इशारों की समझ सरगम सुनाती है उम्मीदों...