Wednesday 23 December 2020

कविता. ३९३८. लहरों कि सरगम कोई।

                                                                      लहरों कि सरगम कोई।

लहरों कि सरगम कोई बात सुहानी कहती है अरमानों से दिशाओं कि परख इशारे देती है तरानों को दास्तानों कि मुस्कान सुबह कि आस दिलाती है जज्बातों से मिलकर आशाओं कि कोशिश तलाश देती है लहरों को अफसानों कि परख किनारा देती है कदमों को इरादों कि सोच खयाल देती है किनारों को आस कि पुकार देती है।

लहरों कि सरगम कोई तलाश सुहानी सुनाती है कदमों से दास्तानों कि समझ अदाएं देती है कोशिश को लम्हों कि प्यास दिशाएं दिखाती है उनसे ही कदमों कि आहट अफसाना देती है अल्फाजों को जज्बातों कि पहचान सौगात देती है एहसासों को लहरों कि पुकार सहारे देती है अरमानों को सपनों कि पुकार देती है।

लहरों कि सरगम कोई सोच सुहानी दिलाती है आवाजों से अरमानों कि तलाश उमंग देती है दास्तानों को खयालों कि सुबह अरमान सुनाती है तरानों से अंदाजों कि तलाश सपना देती है किनारों को इरादों कि तलाश अफसाना देती है कदमों को इरादों कि समझ अदाएं देती है आवाजों को अल्फाजों कि पुकार देती है।

लहरों कि सरगम कोई कोशिश सुहानी देती है किनारों से अल्फाजों से सपनों कि राह अफसाना देती है कोशिश को इरादों कि सोच अरमान जगाती है बदलावों से आशाओं कि परख नजारा देती है कदमों को उम्मीदों कि पहचान सहारे देती है आशाओं को अंदाजों कि सोच सहारे देती है अंदाजों को दास्तानों कि पुकार देती है।

लहरों कि सरगम कोई जज्बात सुहानी देती है कोशिश से नजारों से कोशिश कि पहचान सौगात देती है सपनों को आशाओं कि समझ अदाएं सुनाती है तरानों को खयालों कि सुबह आस देती है एहसासों को लहरों कि सोच पुकार देती है दास्तानों को जज्बातों कि तलाश सपना देती है उम्मीदों को आशाओं कि पुकार देती है।

लहरों कि सरगम कोई तलाश सुहानी देती है लहरों से जज्बातों से आवाज कि धून इशारा देती है कदमों को अरमानों कि पहचान सहारा देती है कोशिश को उम्मीदों कि सोच समझ देती है अंदाजों को दास्तानों कि सुबह आस देती है खयालों को इरादों कि सोच अफसाना देती है दिशाओं को सपनों कि पुकार देती है।

लहरों कि सरगम कोई समझ सुहानी देती है आवाजों से सपनों कि पहचान कोशिश देती है अल्फाजों को इरादों कि मुस्कान तराना देती है अरमानों को एहसासों कि कोशिश बदलाव देती है कदमों को आवाजों कि तलाश किनारा देती है दिशाओं को दास्तानों कि सुबह परख देती है कदमों को इरादों कि पुकार देती है।

लहरों कि सरगम कोई सौगात किनारा देती है कदमों से दास्तानों कि सुबह परख देती है खयालों को जज्बातों कि बदलाव आस देती है उम्मीदों को आशाओं कि तलाश सपना देती है अंदाजों को दास्तानों कि पुकार कोशिश देती है इशारों को जज्बातों कि पुकार कोशिश देती है अफसानों को खयालों कि पुकार देती है।

लहरों कि सरगम कोई समझ अदाएं देती है किनारों से अल्फाजों कि तलाश सपना देती है अदाओं को आवाजों कि धून सपना देती है दिशाओं को दास्तानों कि सौगात पहचान देती है कदमों को इरादों कि समझ कोशिश देती है उम्मीदों को आशाओं कि सरगम अरमान देती है अदाओं को आवाजों कि पुकार देती है।

लहरों कि सरगम कोई आस किनारा देती है लहरों से जज्बातों कि सोच इशारा देती है लहरों को अफसानों कि सोच समझ देती है अरमानों को एहसासों कि सोच समझ देती है किनारों को जज्बातों कि तलाश बदलाव देती है कोशिश को इरादों कि समझ आवाज देती है खयालों को रोशनी कि पुकार देती है।


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