Tuesday 1 December 2020

कविता. ३९०७. तरानों को खयालों कि सोच।

                                                         तरानों को खयालों कि सोच।

तरानों को खयालों कि सोच सरगम देती है कोशिश को अल्फाजों कि सुबह मुस्कान देती है तलाश को कदमों कि समझ आस देती है इरादों को अरमानों कि उमंग परख देती है आशाओं को दास्तानों कि सौगात उजाला देती है अंदाजों को राहों कि पहचान मुस्कान देती है आवाजों को लम्हों कि कहानी संग एहसास से जुडने कि उम्मीद देती है।

तरानों को खयालों कि सोच परख देती है किनारों को आशाओं कि कहानी पुकार देती है दास्तानों को अफसानों कि सोच कोशिश देती है आवाजों को सपनों कि राह अरमान देती है लहरों को तरानों कि आस पहचान देती है जज्बातों को कदमों कि आहट आस देती है लहरों को अंदाजों कि रोशनी संग पहचान से जुडने कि सौगात देती है।

तरानों को खयालों कि सोच सौगात देती है उजालों को नजारों कि उम्मीद तलाश देती है किनारों को आशाओं कि उम्मीद तराना देती है दास्तानों को अफसानों कि कहानी कोशिश देती है दिशाओं को दास्तानों कि उमंग बदलाव देती है लहरों को अफसानों कि सोच सरगम देती है रोशनी को उजालों कि राह संग इशारों से जुडने कि सहारा देती है।

तरानों को खयालों कि सोच दिशाएं देती है आवाजों को लम्हों कि कोशिश पुकार देती है नजारों को एहसासों कि समझ सरगम देती है जज्बातों को इशारों कि पुकार जज्बात देती है उजालों को सपनों कि उमंग परख देती है किनारों को आशाओं कि सुबह सरगम देती है राहों को एहसासों कि मुस्कान संग दिशाओं से जुडने कि इशारा देती है।

तरानों को खयालों कि सोच सरगम देती है किनारों को आशाओं कि उमंग परख देती है लहरों को अफसानों कि कहानी परख देती है दिशाओं को बदलावों कि समझ कोशिश देती है कदमों को अल्फाजों कि उम्मीद उमंग देती है दास्तानों को आवाजों कि धून तलाश देती है अंदाजों को खयालों कि सोच संग बदलावों से जुडने कि समझ देती है।

तरानों को खयालों कि सोच अदाएं देती है कोशिश को अल्फाजों कि पुकार जज्बात देती है लहरों को अरमानों कि उमंग पहचान देती है किनारों को आशाओं कि कहानी एहसास देती है राहों को नजारों कि समझ अल्फाज देती है उजालों को नजारों कि सोच सरगम देती है कोशिश को अंदाजों कि राह संग आवाजों से जुडने कि उम्मीद देती है।

तरानों को खयालों कि सोच किनारा देती है इरादों को एहसासों कि उम्मीद तलाश देती है दिशाओं को बदलावों कि राह अदाएं देती है दास्तानों को जज्बातों कि आस पहचान देती है नजारों को अफसानों कि सुबह मुस्कान देती है कोशिश को अल्फाजों कि परख सौगात देती है दिशाओं को बदलावों कि उम्मीद संग एहसासों से जुडने कि सरगम देती है।

तरानों को खयालों कि सोच रोशनी देती है कदमों को अंदाजों कि उमंग परख देती है दास्तानों को अफसानों कि कहानी कोशिश देती है बदलावों को अदाओं कि सुबह आस देती है आशाओं को खयालों कि सौगात तलाश देती है इरादों को अरमानों कि सोच अरमान देती है दास्तानों को उजालों कि समझ संग किनारों से जुडने कि आस देती है।

तरानों को खयालों कि सोच आवाज देती है इशारों को नजारों कि सरगम धून देती है किनारों को सपनों कि सौगात तलाश देती है अरमानों को कदमों कि आहट इशारा देती है कोशिश को अल्फाजों कि परख सोच देती है तरानों को सपनों कि सुबह मुस्कान देती है लहरों को अफसानों कि कहानी संग जज्बातों से जुडने कि पुकार देती है।

तरानों को खयालों कि सोच किनारा देती है आशाओं को दास्तानों कि सौगात उमंग देती है दिशाओं को अदाओं कि सरगम पुकार देती है अंदाजों को खयालों कि सोच मुस्कान देती है नजारों को अफसानों कि सुबह आस देती है दास्तानों को आशाओं कि कहानी पुकार देती है कोशिश को अंदाजों कि उम्मीद संग पुकार से जुडने कि समझ देती है।




No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...