Thursday 24 December 2020

कविता. ३९३९. लम्हों को कह दो।

                                                                      लम्हों को कह दो।

लम्हों को कह दो इशारों के मधूरसी रागिनी दिशाएं देती है कोशिश को उम्मीदों कि सरगम पहचान देती है अल्फाजों को खयालों कि सुबह अरमान जगाती है अंदाजों को नजारों कि तलाश सपना देती है दास्तानों को एहसासों कि सौगात तलाश देती है किनारों को रोशनी कि धाराएं देती है।

लम्हों को कह दो आवाजों को मधूरसी धून अफसाना देती है कदमों को इरादों कि सोच समझ देती है दास्तानों को जज्बातों कि तलाश सपने देती है तरानों को खयालों कि सुबह अरमान देती है कदमों को इरादों कि अहमियत पहचान देती है एहसासों को दिशाओं कि धाराएं देती है।

लम्हों को कह दो आशाओं को मधूरसी रोशनी सहारे देती है दास्तानों को जज्बातों कि पुकार कोशिश देती है इशारों को किनारों कि सोच समझ देती है रोशनी को जज्बातों कि सरगम पुकार देती है दिशाओं को सपनों कि परख सौगात देती है कदमों को इरादों कि धाराएं देती है।

लम्हों को कह दो जज्बातों को मधूरसी पहचान सौगात देती है इशारों को किनारों कि तलाश अफसाना देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश सपना देती है आवाजों को अल्फाजों कि समझ सौगात देती है कदमों को अरमानों कि सुबह आस देती है दिशाओं को सपनों कि धाराएं देती है।

लम्हों को कह दो तरानों को मधूरसी पुकार कोशिश देती है अरमानों को एहसासों कि सौगात इशारा देती है उजालों को इरादों कि अहमियत रोशनी देती है अरमानों को एहसासों कि तलाश उजाला देती है तरानों को दास्तानों कि समझ पहचान देती है कोशिश को उम्मीदों कि धाराएं देती है।

लम्हों को कह दो अंदाजों को मधूरसी सौगात लहर देती है नजारों को जज्बातों कि पुकार कोशिश देती है दिशाओं को दास्तानों कि सोच पहचान देती है कोशिश को उम्मीदों कि सरगम परख देती है अफसानों को आशाओं कि आस परख देती है अंदाजों को नजारों कि धाराएं देती है।

लम्हों को कह दो किनारों को मधूरसी राह कोशिश देती है कदमों को इशारों कि पहचान सौगात देती है अरमानों को एहसासों कि सौगात इशारा देती है कदमों को इरादों कि पहचान सौगात देती है आवाजों को अल्फाजों कि समझ सरगम देती है दास्तानों को खयालों कि धाराएं देती है।

लम्हों को कह दो आवाजों को मधूरसी रोशनी पुकार देती है दिशाओं को दास्तानों कि सुबह सपने देती है लहरों को अफसानों कि पहचान बदलाव देती है अल्फाजों को खयालों कि परख अरमान देती है कोशिश को उम्मीदों कि परख आस देती है तरानों को इशारों कि धाराएं देती है।

लम्हों को कह दो आशाओं को मधूरसी राह परख देती है कदमों को इरादों कि समझ कोशिश देती है तरानों को खयालों कि तलाश नजारा देती है जज्बातों को इरादों कि पहचान अहमियत देती है अंदाजों को अरमानों कि तलाश सौगात देती है दिशाओं को बदलावों कि धाराएं देती है।

लम्हों को कह दो लहरों को मधूरसी पुकार कोशिश देती है आशाओं को अंदाजों कि सोच समझ देती है कदमों को इरादों कि सरगम पुकार देती है कोशिश को उजालों कि सौगात इशारा देती है एहसासों को दिशाओं कि सुबह अदाएं देती है उजालों को दिशाओं कि धाराएं देती है।

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