Thursday 9 August 2018

कविता. २३१६. संध्या के पल मे आसमान को।

                                                     संध्या के पल मे आसमान को।
संध्या के पल मे आसमान में कोई अलग कहानी आती है जीवन के हर किस्से को नया संदेशा दे जाती है पंछियों के आवाजों से नयी उमंग लाती है अंधकार कि आंधी मे खुशीयों कि हलचल सुनाती है हर लम्हे को लहरों कि कोशिश दिलाती है जो जीवन मे तरानों कि नयी रचना बनाती है जो जीवन के हर आकार को उंचाई तक ले जाती है चुपके से उसे निराकार बनाकर नयी कहानी दिखाती जाती है।
संध्या के पल मे आसमान में कोई अलग कहानी आती है जीवन के हर किस्से को नया अंधेरा दे जाती है अंधेरे से ही उम्मीदों कि नयी दास्तान लाती है जो हर दिशा को बदलावों कि रोशनी देती है हर रंग को अलग खयालों कि पहचान दिलाती है हर पल आसमान कि उंचाई को गिनने कि उमंग दिलाती है नामुमकिन कि धाराओं मे मुमकिन कि दुआएं दे जाती है जो आसमान मे नयी राह दिखाती जाती है।
संध्या के पल मे आसमान में कोई अलग कहानी आती है जीवन के हर किस्से को नया उजाला दे जाती है इशारों कि नयी पुकार लाती है हर अंदाज को लम्हों कि अहमियत सिखाती है हर एहसास को जीवन कि सांसों से जोडकर जाती है कदम को मौसमों कि पहचान हर बार दिलाती है हर सांस के एहसास को मुस्कान कि दुआएं दे जाती है जो एहसासों मे नयी शुरुआत दिखाती जाती है।
संध्या के पल मे आसमान में कोई अलग कहानी आती है जीवन के हर किस्से को नया नजारा दे जाती है इरादों कि नयी लहर लाती है हर किनारे को दास्तानों कि पहचान देती है हर लहर को दिशाओं कि कोशिश से उजागर करती जाती है लम्हे को कदमों कि तलाश आसमान मे नजर आती है हर बादल को एक एहसास का संदेश दे जाती है जो किनारों मे नयी उमंग दिखाती जाती है।
संध्या के पल मे आसमान में कोई अलग कहानी आती है जीवन के हर किस्से को नया खयाल दे जाती है सोच कि नयी उमंग लाती है हर आस को रंगों कि अहमियत देती है हर तराने को बदलावों कि उमंग से परख देकर जाती है किनारे को अदाओं कि पहचान के संग लहरों कि रोशनी लाती है हर पल के संग रोशनी अंधेरे मे छुप जाती है हर नजारे को अंधेरे कि नयी कहानी दिखाती जाती है।
संध्या के पल मे आसमान में कोई अलग कहानी आती है जीवन के हर किस्से को नया इशारा दे जाती है हर लम्हा जीवन कि दास्तान को रंगों कि रंगोली दिखाती है उजाले कि धारा को उम्मीदों के संग अंधेरे से मिलाती है हर नजारे को अलग दिशाओं कि हर पुकार दे जाती है हर लम्हे को रंगों कि पहचान दिखाती है हर उंचाई को छूं लेने कि उमंग दिलाती है उस पल मे ही छूं लेने के बाद कि खुशी दिखाती जाती है।
संध्या के पल मे आसमान में कोई अलग कहानी आती है जीवन के हर किस्से को नया खयाल दे जाती है हर रंग कदम कि परख को लम्हों कि पुकार दिखाती है नजारों कि रोशनी को खुबसूरत एहसासों कि उम्मीद दिखाती है हर रंग को खास एहसासों कि पहचान दे जाती है हर लम्हे को रंगों कि लहरे दिखाती है हर नजारे को मौसमों कि बदलाव को पहचान कि उमंग कि दास्तान दिखाती जाती है।
संध्या के पल मे आसमान में कोई अलग कहानी आती है जीवन के हर किस्से को नया नजारा दे जाती है हर एहसास कि शुरुआत को बदलावों कि उमंग दिखाती है रंगों कि पहचान दे जाती है हर खुबसूरत एहसास को सामने लेकर आती है हर पल को खुबसूरत एहसासों कि पहचान दे जाती है हर परख को लम्हों कि पुकार देकर रंगों कि उमंग दे जाती है हर नजारे को मौसम कि अदा दिखाती जाती है।
संध्या के पल मे आसमान में कोई अलग कहानी आती है जीवन के हर किस्से को नया खयाल दे जाती है हर नजारे कि अहमियत को दिशाओं कि रोशनी दिखाती है खूबसूरत नजारों के संग उम्मीद नयी ले आती है हर कदम को अंधेरे से उमंग दे जाती है हर पल को उमंग कि तलाश दे जाती है हर रंग को बदलावों कि उमंग देकर अंदाज दे जाती है हर नजारे को खुबसूरती का अलग लम्हा दिखाती जाती है।
संध्या के पल मे आसमान में कोई अलग कहानी आती है जीवन के हर किस्से को नया अंदाज दे जाती है हर पल कि पहचान को दिशाओं कि कहानी दिखाती है हर रंग को बदलावों कि पहचान दे जाती है हर नजारे को अंदाजों कि पहचान दे जाती है हर खुबसूरत एहसास को तलाश दे जाती है हर आस को दास्तानों कि कोशिश दे जाती है हर रंग को बदलावों कि उमंग दिखाती जाती है।

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