Friday 17 August 2018

कविता. २३३२. ‌‌‌‌‌‌ हर उंचाई को छूं लेने कि उमंग।

                                                       हर उंचाई को छूं लेने कि उमंग।
हर उंचाई को छूं लेने कि उमंग तो होती है पर झूठ से राह गुजरे तो वह रास नही आती है हर लम्हे को लहरों कि जरुरत आवाज नही दे पाती है हर राह से उजागर हो तो किनारों कि खुशबू मासूम ना हो तो आवाज नही बन पाती है हर दास्तान को इरादों कि कोशिश उजाले देती है पर अगर वह मासूम ना हो तो किनारों कि रोशनी अहम नही होती है हर आस को इरादों कि कोशिश उजालों कि तलाश देती है।
हर उंचाई को छूं लेने कि उमंग तो होती है पर झूठ से राह गुजरे तो वह रास नही आती है हर पल को किनारों कि लहर सच्चाई कि तलाश देती है हर आस को कदमों कि कोशिश देती है हर पल को अच्छाई कि आवाज सुनाई देती है हर मोड को बदलावों कि उमंग दिखाई देती है हर मासूमियत दिशाओं कि पुकार सुहानी देती है हर पल को आस खुशियों कि पहचान इशारों कि पुकार आवाजों कि तलाश देती है।
हर उंचाई को छूं लेने कि उमंग तो होती है पर झूठ से राह गुजरे तो वह रास नही आती है हर उम्मीद को खयालों कि पहचान दिशाओं कि सच्ची राह देती है हर सुबह को दास्तानों कि तलाश देती है हर कदम को बदलावों कि उमंग देती है हर मौके को दास्तानों कि तलाश देती है हर कदम को बदलावों कि उमंग खयाल देती है हर मोड को बदलावों कि कोशिश दिखाकर चलती है हर पल कि दास्तानों कि तलाश देती है।
हर उंचाई को छूं लेने कि उमंग तो होती है पर झूठ से राह गुजरे तो वह रास नही आती है हर पल को आवाजों कि पुकार दास्तानों कि तलाश सच्चाई देती है हर कदम को एहसासों कि उम्मीद देती है हर पहचान को रोशनी कि कोशिश देती है हर पल को किनारों कि लहर देती है हर पल को दास्तानों कि तलाश देती है हर आस को इरादों कि तलाश उमंग देती है हर बदलाव को लम्हों कि आस कि तलाश देती है।
हर उंचाई को छूं लेने कि उमंग तो होती है पर झूठ से राह गुजरे तो वह रास नही आती है हर दास्तान को इरादों कि तलाश मासूमियत देती है हर मौके को दास्तानों कि उम्मीद देती है हर पल को उजालों कि तलाश देती है हर मौके को हर तराने को इशारों कि पुकार राह देती है हर आस को इरादों कि कोशिश देती है हर पल को जज्बातों कि उम्मीद किनारे देती है हर आवाज को तरानों कि पहचान कि तलाश देती है।
हर उंचाई को छूं लेने कि उमंग तो होती है पर झूठ से राह गुजरे तो वह रास नही आती है हर आस को आवाज कि उम्मीद सच देती है हर जज्बात को बदलावों कि परख देती है हर उम्मीद को खयालों कि सौगात देती है हर आस को कदमों कि तलाश देती है हर रंग को दिशाओं कि कोशिश खयालों कि पहचान देती है हर कदम को बदलावों कि उमंग देती है हर पल को किनारों कि लहर कि तलाश देती है।
हर उंचाई को छूं लेने कि उमंग तो होती है पर झूठ से राह गुजरे तो वह रास नही आती है हर अंदाज को कदमों कि पहचान सच्चाई देती है हर कदम को आशाओं कि परख देती है हर राह को बदलावों कि परख देती है हर अल्फाज को किनारों कि आस देती है हर खयाल को आशाओं कि पहचान राहों कि उमंग देती है हर पल को एहसासों कि तलाश देती है हर अंदाज को दास्तानों कि उम्मीद कि तलाश देती है।
हर उंचाई को छूं लेने कि उमंग तो होती है पर झूठ से राह गुजरे तो वह रास नही आती है हर खयाल को आशाओं कि परख सच्चाई देती है हर किनारे को लहरों कि आंधी से लडने कि उमंग देती है हर पल को जज्बातों कि कोशिश देती है हर आवाज को तरानों कि पहचान देती है हर खुशी को कदमों कि उमंग देती है हर पहचान को दिशाओं कि पुकार देती है हर आवाज को तरानों कि पहचान कि तलाश देती है।
हर उंचाई को छूं लेने कि उमंग तो होती है पर झूठ से राह गुजरे तो वह रास नही आती है हर पल को दास्तानों कि उम्मीद सच्ची राह देती है हर अंदाज को कदमों कि तलाश देती है हर परख को लम्हों कि अहमियत देती है हर किनारे को दास्तानों कि उम्मीद देती है हर आस को इरादों कि कोशिश देती है हर परख को किनारों कि अहमियत देती है हर अंदाज को कदमों कि पुकार कि तलाश देती है।
हर उंचाई को छूं लेने कि उमंग तो होती है पर झूठ से राह गुजरे तो वह रास नही आती है हर कदम को बदलावों कि उमंग सच्चाई देती है हर आवाज को तरानों कि पहचान देती है हर किनारे को लहरों कि जरुरत देती है हर आस को दिशाओं कि पुकार देती है हर कोशिश को उजालों कि पहचान देती है हर दिशा को बदलावों कि उमंग देती है हर आवाज को तरानों कि पुकार कि तलाश देती है।

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