Sunday 19 August 2018

कविता. २३३६. हर बात को अल्फाजों कि पहचान।

                                              हर बात को अल्फाजों कि पहचान।
हर बात को अल्फाजों कि पहचान जरुरी लगती है हर राह को निगाहों कि इजाजत काफी नही होती है हर इशारे को इरादों कि पहचान अहम होती है हर बार जीवन मे आधी-अधूरी बात काफी नही होती है हर लम्हे को बदलावों कि उमंग देती है हर सुबह को उजालों कि तलाश देती है हर कदम को राहों कि सही दिशा देती है हर आवाज को किनारों कि तलाश देती है हर उम्मीद को दिशाओं कि तलाश देती है।
हर बात को अल्फाजों कि पहचान जरुरी लगती है हर राह को निगाहों कि इजाजत काफी नही होती है हर सुबह को उजालों कि उम्मीद इशारे से हो नही सकती है नाव को किनारे लगाने के लिए मांझी कि आवाज जरुरी लगती है हर बार इशारों कि जबान समझा नही पाती है हर अंदाज को सिर्फ इशारों कि समझ नही होती है हर एहसास को दिशाओं कि पुकार देती है हर सुबह को उजालों कि तलाश देती है।
हर बात को अल्फाजों कि पहचान जरुरी लगती है हर राह को निगाहों कि इजाजत काफी नही होती है हर रोशनी को उजालों कि उम्मीद अधूरी काफी नही होती है हर सुबह को नये दिशाओं कि पुकार जरुरी लगती है हर मोड को बदलावों कि पहचान सिर्फ निगाहे नही पाती है हर मौसम को समझ लेने मे राह कुछ आसान बन जाएं इस बजह से निगाहे काफी नही होती है हर मोड को अल्फाजों कि तलाश देती है।
हर बात को अल्फाजों कि पहचान जरुरी लगती है हर राह को निगाहों कि इजाजत काफी नही होती है हर अंदाज को कदमों कि पहचान अल्फाजों के सहारे होती है हर बार निगाहों कि बात तो समझ लेते है पर अधूरी जुबान किनारा नही देती है हर बार किसी मतलब कि तलाश आसान तो लगती है पर हर बार उसे परख लेना जीवन कि आसान कहानी नही होती है हर आस को इरादों कि तलाश देती है।
हर बात को अल्फाजों कि पहचान जरुरी लगती है हर राह को निगाहों कि इजाजत काफी नही होती है हर आवाज को तरानों कि पहचान देती है हर बिना अल्फाजों कि कहानी दिलचस्प तो होती है पर हर अंदाज को सिर्फ नजरों कि परख काफी नही होती है हर बार मोहरे के पार छुपी कहानी काफी नही होती है हर बार उसे आगे बढते जाने कि जरुरत होती है हर पल को एहसासों कि तलाश देती है।
हर बात को अल्फाजों कि पहचान जरुरी लगती है हर राह को निगाहों कि इजाजत काफी नही होती है हर अंदाज को किनारों कि उम्मीद देती है पर हर बार जज्बातों कि निशानी निगाहों से काफी नही होती है हर पल को अल्फाजों के सहारे कि जरुरत इशारे देती है हर खयाल को आशाओं कि पहचान सिर्फ इशारों से नही होती है हर बार अल्फाजों के सहारे से निगाहों कि दुनिया गुल को उम्मीदों कि तलाश देती है।
हर बात को अल्फाजों कि पहचान जरुरी लगती है हर राह को निगाहों कि इजाजत काफी नही होती है हर अदा को एहसासों कि पहचान देती है हर अल्फाजों कि उम्मीद किनारों कि अहमियत देती है हर परख को लम्हों के आवाजों कि पुकार देती है हर कदम को बदलावों कि पुकार अल्फाजों के सहारे देती है हर एहसास को दिशाओं कि उम्मीद निगाहों के संग अल्फाजों के साथ देती है नजर को तलाश देती है।
हर बात को अल्फाजों कि पहचान जरुरी लगती है हर राह को निगाहों कि इजाजत काफी नही होती है हर राह को बदलावों कि उमंग देती है हर खयाल को आशाओं कि उम्मीद निगाहे देती है पर उम्मीदों को सच मे बदलने कि दिशा अल्फाजों के साथ मिलती है सिर्फ एहसासों कि सौगात काफी नही होती है अल्फाजों के साथ ही अक्सर जीवन कि आंधी सुलझ पाती है हर सुबह को अल्फाजों कि निशानी तलाश देती है।
हर बात को अल्फाजों कि पहचान जरुरी लगती है हर राह को निगाहों कि इजाजत काफी नही होती है हर कदम को एहसासों कि उम्मीद देती है हर अल्फाज को निगाहों कि साथ दुनिया देती है हर राह को निगाहों से ही तो शुरुआत मिलती है पर अल्फाजों के साथ जीवन मे मंजिल हासिल होती है हर सांस को अलग एहसासों कि रोशनी इरादे देती है जब निगाहों से अल्फाजों कि दुनिया खुशियों कि तलाश देती है।
हर बात को अल्फाजों कि पहचान जरुरी लगती है हर राह को निगाहों कि इजाजत काफी नही होती है हर किनारे को लहरों कि जरुरत देती है हर एहसास को निगाहों को अल्फाजों से जोडने कि जरुरत होती है हर नजारे को अल्फाजों कि पहचान निगाहे देती है अल्फाज बिना निगाहे काफी नही होती है पर निगाहों के बिना अल्फाजों मे रुह नहीं होती है पर अल्फाज के लिए आवाज जरुरी नही होती है इशारों मे कागजों मे भी जिन्दगी उम्मीदों कि तलाश देती है।

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