Tuesday 28 August 2018

कविता. २३५४. हर दास्तान को राहों कि पहचान।

                                         हर दास्तान को राहों कि पहचान।
हर दास्तान को राहों कि पहचान को खयाल दे जाती है हर अल्फाज को बदलावों कि उमंग देती है हर कदम को एहसासों कि तलाश देती है हर आवाज को पुकार कि तलाश देती है हर किनारे को लहरों कि जरुरत देती है हर दिशा को बदलावों कि जरुरत देती है हर उमंग को तरानों कि जरुरत देती है हर लहर को नदीयां कि परख देती है हर अल्फाज को बदलावों कि उमंग देती है हर उम्मीद को रोशनी देती है।
हर दास्तान को राहों कि पहचान को खयाल दे जाती है हर अल्फाज को बदलावों कि परख देती है हर किनारे को लहरों कि कोशिश देती है हर अंदाज को किनारों कि जरुरत देती है हर खयाल को आशाओं कि जरुरत देती है हर किनारे को लम्हों कि पहचान देती है हर आस को इरादों कि कोशिश देती है हर उम्मीद को खयालों कि उमंग देती है हर कदम को एहसासों कि तलाश देती है हर उजाले को रोशनी देती है।
हर दास्तान को राहों कि पहचान को खयाल दे जाती है हर अल्फाज को बदलावों कि उम्मीद देती है हर खयाल को आशाओं कि परख देती है हर इशारे को बदलावों कि पहचान देती है हर परख को लम्हों कि जरुरत देती है हर आवाज को तरानों कि उम्मीद देती है हर तलाश को बदलावों कि उमंग देती है हर सुबह को उजालों कि तलाश देती है हर खयाल को खुशीयों कि परख देती है हर खयाल को रोशनी देती है।
हर दास्तान को राहों कि पहचान को खयाल दे जाती है हर अल्फाज को बदलावों कि तलाश देती है हर उम्मीद को खयालों कि रोशनी देती है हर आवाज को तरानों कि जरुरत देती है हर दास्तान को इरादों कि जरुरत देती है हर अंदाज को कदमों कि तलाश देती है हर खयाल को आशाओं कि तलाश देती है हर रोशनी को आशाओं कि परख देती है हर उम्मीद को खयालों कि उमंग देती है हर उम्मीद को रोशनी देती है।
हर दास्तान को राहों कि पहचान को खयाल दे जाती है हर अल्फाज को बदलावों कि उमंग देती है हर अंदाज को किनारों कि आस देती है हर लहर को रुकने कि जरुरत देती है हर अंदाज को कदमों कि तलाश देती है हर अदा को एहसासों कि पुकार देती है हर किनारे को लहरों कि पहचान देती है हर कदम को बदलावों कि उमंग देती है हर अल्फाज को बदलावों कि पहचान देती है हर उजाले को रोशनी देती है।
हर दास्तान को राहों कि पहचान को खयाल दे जाती है हर अल्फाज को बदलावों कि उम्मीद देती है हर खयाल को आशाओं कि दास्तान देती है हर किनारे को लहरों कि कोशिश देती है हर आस को इशारों कि पुकार देती है हर तराने को आशाओं कि कोशिश देती है हर दिशा को बदलावों कि उमंग देती है हर अंदाज को किनारों कि आस देती है हर पहचान को दिशाओं कि पुकार देती है हर परख को रोशनी देती है।
हर दास्तान को राहों कि पहचान को खयाल दे जाती है हर अल्फाज को बदलावों कि उमंग देती है हर किनारे को लहरों कि कहानी देती है हर खयाल को आशाओं कि तलाश देती है हर किनारे को इरादों कि कोशिश देती है हर आस को दास्तानों कि जरुरत देती है हर कदम को एहसासों कि तलाश देती है हर आस को इशारों कि पुकार देती है हर परख को लम्हों कि जरुरत देती है हर आवाज को रोशनी देती है।
हर दास्तान को राहों कि पहचान को खयाल दे जाती है हर अल्फाज को बदलावों कि परख देती है हर आस को इरादों कि जरुरत देती है हर आवाज को तरानों कि पहचान देती है हर खयाल को आशाओं कि पहचान देती है हर खयाल को आशाओं कि तलाश देती है हर इशारे को बदलावों कि उमंग देती है हर अंदाज को कदमों कि तलाश देती है हर किनारे को लहरों कि कोशिश देती है हर उम्मीद को रोशनी देती है।
हर दास्तान को राहों कि पहचान को खयाल दे जाती है हर अल्फाज को बदलावों कि पहचान देती है हर राह को बदलावों कि परख देती है हर कदम को एहसासों कि उम्मीद देती है हर उम्मीद को खयालों कि जरुरत देती है हर आस को दास्तानों कि उम्मीद देती है हर उजाले को अंदाजों कि कोशिश देती है हर आवाज को तरानों कि जरुरत देती है हर खयाल को आशाओं कि तलाश देती है हर दास्तान को रोशनी देती है।
हर दास्तान को राहों कि पहचान को खयाल दे जाती है हर अल्फाज को बदलावों कि उमंग देती है हर सुबह को उजालों कि तलाश देती है हर खयाल को आशाओं कि तलाश देती है हर उजाले को अंदाजों कि अहमियत देती है हर तराने को आशाओं कि तलाश देती है हर खयाल को आशाओं कि पहचान देती है हर अंदाज को कदमों कि तलाश देती है हर दास्तान को इरादों कि कोशिश देती है हर आस को रोशनी देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता.५११४. अफसानों को सपनों संग।

                         अफसानों को सपनों संग। अफसानों को सपनों संग अल्फाज दिलाती है तरानों को उम्मीदों की कहानी एहसास सुनाती है नजारों को द...