Saturday 23 November 2019

कविता. ३२५७. हर कदम को आस।

                                                 हर कदम कोई आस।
हर कदम कोई आस इशारे देती है परख को अरमानों कि राहे देती है दिशाओं को बदलावों कि समझ कोशिश कि लहरे देती है दिशाओं को आशाओं कि सोच इशारे देती है अफसानों को कदमों कि आस तराने देती है दास्तानों को आशाओं कि सुबह सपने देती है अंदाजों को अल्फाजों कि समझ एहसास देती है अरमानों को नजारों कि परख रोशनी देती है।
हर कदम कोई आस खयाल देती है दिशाओं को किनारों कि समझ देती है अंदाजों को अल्फाजों कि सोच खयाल देती है अफसानों को जज्बातों कि समझ अरमान देती है आशाओं को किनारों कि कोशिश लम्हे देती है कदमों को अल्फाजों कि समझ अदाएं देती है दिशाओं को बदलावों कि पुकार सहारे देती है अदाओं को किनारों कि सोच रोशनी देती है।
हर कदम कोई आस तराने देती है राहों को अफसानों कि कोशिश देती है किनारों को अदाओं कि मुस्कान कोशिश देती है जज्बातों को आशाओं कि सुबह सपने देती है दिशाओं को अरमानों कि आस तराने देती है अदाओं को बदलावों कि राह इशारे देती है जज्बातों को अंदाजों कि सोच सहारे देती है अफसानों को लहरों कि परख रोशनी देती है।
हर कदम कोई आस सहारे देती है दिशाओं को खयालों कि सरगम देती है आशाओं को जज्बातों कि सुबह सपने देती है अरमानों को अंदाजों कि सोच सहारे देती है अफसानों को राहों कि कोशिश पहचान देती है दिशाओं को जज्बातों कि सुबह परख देती है अदाओं को नजारों कि सरगम धून देती है आशाओं को कदमों कि आहट रोशनी देती है।
हर कदम कोई आस अफसाने देती है अंदाजों को किनारों कि सोच देती है आशाओं को खयालों कि लहर अफसाने देती है दिशाओं को किनारों कि सुबह इशारे देती है दास्तानों को अरमानों कि सोच सहारे देती है अंदाजों को तरानों कि पुकार आवाज देती है जज्बातों को अंदाजों कि सोच सहारे देती है तरानों को अदाओं कि मुस्कान रोशनी देती है।
हर कदम कोई आस परख देती है आशाओं को नजारों कि सरगम देती है किनारों को जज्बातों कि सुबह इशारे देती है कोशिश को अरमानों कि समझ लम्हा देती है दिशाओं को बदलावों कि सोच सहारे देती है आशाओं को आवाजों कि समझ पुकार देती है कदमों को अल्फाजों कि सरगम धून देती है खयालों को दास्तानों कि निशानी रोशनी देती है।
हर कदम कोई आस खयाल देती है दास्तानों को किनारों कि पहचान देती है अंदाजों को तरानों कि पुकार सहारे देती है आशाओं को अफसानों कि कोशिश पहचान देती है अंदाजों को तरानों कि पुकार धून देती है दिशाओं को बदलावों कि सोच इशारे देती है अदाओं को नजारों कि समझ पहचान देती है आशाओं को जज्बातों कि सुबह रोशनी देती है।
हर कदम कोई आस दास्तान देती है दिशाओं को बदलावों कि सरगम देती है अफसानों को लहरों कि सोच देती है अदाओं को बदलावों कि सरगम धून देती है किनारों को अरमानों कि कोशिश आवाज देती है अंदाजों को तरानों कि पुकार परख देती है दास्तानों को जज्बातों कि सुबह बदलाव देती है अफसानों को लहरों कि आवाज रोशनी देती है।
हर कदम कोई आस एहसास देती है जज्बातों को अंदाजों कि सुबह देती है सपनों को दिशाओं कि कोशिश देती है अफसानों को कदमों कि आहट तराने देती है राहों को अफसानों कि परख सहारे देती है अदाओं को दास्तानों कि निशानी पहचान देती है अदाओं को नजारों कि सोच सहारे देती है उजालों को अरमानों कि कोशिश के अफसाने कि रोशनी देती है।
हर कदम कोई आस पुकार देती है अंदाजों को अल्फाजों कि समझ देती है आशाओं को अफसानों कि सोच देती है अरमानों को नजारों कि सौगात तलाश देती है खयालों को इशारों कि समझ इरादे देती है राहों को दिशाओं कि सोच सहारे देती है खयालों को इशारों कि तलाश सबेरा देती है उम्मीदों को तरानों कि पहचान रोशनी देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६६. कोशिश की कहानी अक्सर।

                              कोशिश की कहानी अक्सर। कोशिश की कहानी अक्सर अरमानों की पुकार सुनाती है दास्तानों को एहसासों की रोशनी सौगात दिला...