Sunday 3 November 2019

कविता. ३२१८. आस के संग जब मन कि कोई तार।

                                                     आस के संग जब मन कि कोई तार।
आस के संग जब मन कि कोई तार जुडी रहती है कोशिश कि राहे अफसाने कि समझ देती है दिशाओं को अरमानों कि सोच सहारे देती है सपनों को अरमानों कि लकिर इशारे देती है तरानों को बदलावों कि कोशिश अदाएं देती है आशाओं को अंदाजों कि तलाश सहारे देती है दास्तानों को किनारों कि समझ बदलाव देती है राहों को जज्बातों कि रोशनी उजाले देती है।
आस के संग जब मन कि कोई तार जुडी रहती है दिशाओं कि समझ बदलाव कि निशानी देती है दास्तानों को अफसानों कि दास्तान इशारे देती है अदाओं को जज्बातों कि रोशनी उजाले देती है अंदाजों को कदमों कि समझ लहरे देती है राहों को अफसानों कि समझ उम्मीद देती है तरानों को आशाओं कि लहर अल्फाज देती है दिशाओं को अरमानों कि रोशनी उजाले देती है।
आस के संग जब मन कि कोई तार जुडी रहती है दास्तानों कि सोच सुबह कि पहचान देती है तरानों को बदलावों कि कोशिश अफसाने देती है कदमों को उम्मीदों कि पुकार सपने देती है आशाओं को किनारों कि समझ बदलाव देती है नजारों को जज्बातों कि रोशनी उजाले देती है अल्फाजों को अरमानों कि समझ सुबह देती है नजारों को अंदाजों कि रोशनी उजाले देती है।
आस के संग जब मन कि कोई तार जुडी रहती है आशाओं कि परख उजाले कि उमंग देती है राहों को अफसानों कि तलाश इशारे देती है किनारों को एहसासों कि सुबह नजारे देती है दिशाओं को अरमानों कि समझ उम्मीद देती है लहरों को अंदाजों कि समझ उम्मीद देती है राहों को अंदाजों कि तलाश इशारे देती है लहरों को जज्बातों कि रोशनी उजाले देती है।
आस के संग जब मन कि कोई तार जुडी रहती है दिशाओं कि समझ उम्मीद कि कहानी देती है दिशाओं को जज्बातों कि रोशनी सहारे देती है नजारों को अंदाजों कि परख किनारे देती है राहों को अफसानों कि सोच पहचान देती है किनारों को एहसासों कि पुकार धून देती है कदमों को आशाओं कि समझ उम्मीद देती है अफसानों को किनारों कि रोशनी उजाले देती है।
आस के संग जब मन कि कोई तार जुडी रहती है दास्तानों कि पहचान अल्फाज कि राहे देती है लहरों को अरमानों कि कोशिश अदाएं देती है आशाओं को बदलावों कि समझ उम्मीदे देती है अंदाजों को कदमों कि आहट अल्फाज देती है दिशाओं को राहों कि तलाश तराने देती है अदाओं कि पहचान इशारे देती है दास्तानों को जज्बातों कि रोशनी उजाले देती है।
आस के संग जब मन कि कोई तार जुडी रहती है आशाओं कि परख किनारे कि सुबह देती है दिशाओं को अफसानों कि समझ उमंग देती है अदाओं को जज्बातों कि समझ बदलाव देती है राहों को आवाजों कि धून उम्मीदे देती है लहरों को अंदाजों कि समझ उम्मीद देती है आशाओं को किनारों कि परख अरमान देती है दिशाओं को कदमों कि रोशनी उजाले देती है।
आस के संग जब मन कि कोई तार जुडी रहती है अंदाजों कि तलाश तराने कि समझ देती है दास्तानों को अरमानों कि तलाश सहारे देती है अंदाजों को अफसानों कि तलाश इशारे देती है दिशाओं को जज्बातों कि समझ बदलाव देती है नजारों को जज्बातों कि रोशनी राहे देती है दिशाओं को अरमानों कि समझ उमंग देती है उम्मीदों को आशाओं कि रोशनी उजाले देती है।
आस के संग जब मन कि कोई तार जुडी रहती है दास्तानों कि समझ बदलाव कि धारा देती है दिशाओं को जज्बातों कि समझ उमंग देती है राहों को अंदाजों कि पहचान सहारे देती है सपनों को एहसासों कि परख किनारे देती है दास्तानों को अरमानों कि समझ बदलाव देती है अदाओं को एहसासों कि परख उम्मीदे देती है अफसानों को किनारों कि रोशनी उजाले देती है।
आस के संग जब मन कि कोई तार जुडी रहती है दिशाओं कि सुबह नजारे कि अहमियत देती है रोशनी को बदलावों कि कोशिश अदाएं देती है दास्तानों को जज्बातों कि समझ उमंग देती है अदाओं को किनारों कि लहर सपने देती है आशाओं को नजारों कि सौगात परख देती है दिशाओं को अरमानों कि तलाश तराने देती है अल्फाजों को अंदाजों कि रोशनी उजाले देती है।

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