Friday 15 November 2019

कविता. ३२४२. किसी लम्हे मे चुपके वह मुस्कान।

                                           किसी लम्हे मे चुपके वह मुस्कान।
किसी लम्हे मे चुपके वह मुस्कान छुपी मिलती है आशाओं को किनारों कि समझ लहरे देती है दास्तानों को अफसानों कि तलाश इशारे देती है अदाओं को जज्बातों कि सुबह उमंग देती है उम्मीदों को कदमों कि सौगात परख देती है दिशाओं को कदमों कि आहट अरमान देती है आशाओं को किनारों कि समझ उम्मीद देती है राहों को अंदाजों कि सोच सपने कि तलाश देती है।
किसी लम्हे मे चुपके वह मुस्कान छुपी मिलती है अंदाजों को कदमों कि आहट पुकार देती है दिशाओं को अरमानों कि समझ अदाएं देती है अंदाजों को तरानों कि सोच इशारे देती है अदाओं को किनारों कि लहर सपने देती है आशाओं को जज्बातों कि सोच खयाल देती है दास्तानों को राहों को अफसानों कि लहर तराने देती है दिशाओं को अरमानों कि सुबह सपने कि तलाश देती है।
किसी लम्हे मे चुपके वह मुस्कान छुपी मिलती है कोशिश को जज्बातों कि सौगात खयाल देती है आशाओं को किनारों कि सोच सपने देती है दिशाओं को अरमानों कि समझ उम्मीद देती है दास्तानों को अंदाजों कि सोच सहारे देती है दिशाओं को अफसानों कि तलाश तराने देती है आशाओं को किनारों कि समझ उमंग देती है राहों को अफसानों कि सोच सपने कि तलाश देती है।
किसी लम्हे मे चुपके वह मुस्कान छुपी मिलती है आस को एहसासों कि परख उजाले देती है तरानों को दिशाओं कि सरगम धून देती है राहों को अफसानों कि सुबह नजारे देती है अदाओं को किनारों कि समझ उम्मीद देती है दास्तानों को जज्बातों कि परख उम्मीदे देती है कदमों को अंदाजों कि सरगम खयाल देती है अरमानों को आशाओं कि रोशनी सपने कि तलाश देती है।
किसी लम्हे मे चुपके वह मुस्कान छुपी मिलती है अदाओं को नजारों कि समझ उमंग देती है दिशाओं को अफसानों कि समझ उम्मीद देती है तरानों को किनारों कि लहर सपने देती है राहों को दास्तानों कि पुकार धून देती है अंदाजों को कदमों कि आहट अरमान देती है जज्बातों को अदाओं कि सोच सहारे देती है आशाओं को दिशाओं कि राह सपने कि तलाश देती है।
किसी लम्हे मे चुपके वह मुस्कान छुपी मिलती है दिशाओं को कदमों कि आहट राह देती है दास्तानों को अरमानों कि सुबह नजारे देती है अदाओं को दिशाओं कि सरगम धून देती है अंदाजों को खयालों कि उमंग इशारे देती है नजारों को अरमानों कि समझ सपने देती है आशाओं को किनारों कि लहर इशारे देती है अल्फाजों को खयालों कि पहचान सपने कि तलाश देती है।
किसी लम्हे मे चुपके वह मुस्कान छुपी मिलती है दास्तानों को नजारों कि परख उजाले देती है तरानों को बदलावों कि परख उजाले देती है राहों को जज्बातों कि पुकार सपने देती है कदमों को आशाओं कि सोच किनारे देती है उम्मीदों को अंदाजों कि तलाश सहारे देती है अदाओं को अरमानों कि समझ उमंग देती है आशाओं को किनारों कि लहर सपने कि तलाश देती है।
किसी लम्हे मे चुपके वह मुस्कान छुपी मिलती है कोशिश को जज्बातों कि सोच सहारे देती है आशाओं को किनारों कि समझ बदलाव देती है दिशाओं को अरमानों कि सरगम धून देती है दिशाओं को कदमों कि आहट अल्फाज देती है दास्तानों को अंदाजों कि समझ सुबह देती है दिशाओं को कदमों कि आहट राह देती है अदाओं को नजारों कि सोच सपने कि तलाश देती है।
किसी लम्हे मे चुपके वह मुस्कान छुपी मिलती है आशाओं को किनारों कि लहर इशारे देती है अदाओं को नजारों कि सौगात परख देती है दास्तानों को जज्बातों कि समझ उमंग देती है राहों को अफसानों कि समझ उमंग देती है दिशाओं को कदमों कि आहट अरमान देती है तरानों को बदलावों कि परख सहारे देती है दास्तानों को अंदाजों कि समझ सपने कि तलाश देती है।
किसी लम्हे मे चुपके वह मुस्कान छुपी मिलती है अदाओं को अरमानों कि समझ उमंग देती है उजालों को जज्बातों कि सुबह पुकार देती है राहों को अफसानों कि सोच सहारे देती है कोशिश को अंदाजों कि पुकार धून देती है एहसासों को जज्बातों कि परख धून देती है अदाओं को किनारों कि सुबह उम्मीद देती है दिशाओं को अरमानों कि पुकार सपने कि तलाश देती है।

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