Saturday 14 December 2019

कविता. ३२९९. हर मौसम संग एहसासों कि एक।

                                                  हर मौसम संग एहसासों कि एक।
हर मौसम संग एहसासों कि एक धारासी बहती है जो जीवन के किस्सों मे कई रंगों कि कहानी कहती है दिशाओं को नजारों कि तलाश इरादे देती है इशारों कि निशानी के आशाओं कि सरगम कि धून बनती है जो अरमानों के रंगों कि दिशाएं देकर चलती है हर मोड पर मुस्कान कि कोई उमंग सुनाई पडती है जो दिशाओं को बदलावों कि सुबह देकर चलती है।
हर मौसम संग एहसासों कि एक पुकारसी चलती है जो जीवन के जज्बातों मे कई किनारों कि रंगोली भरती है अंदाजों को कदमों कि आहट तराने देती है दिशाओं कि पहचान के किस्सों कि कहानी बनती है जो अफसानों के खयालों कि कोशिश देकर चलती है हर आस पर आवाज कि कोई उम्मीद सुनाई पडती है जो आशाओं को कदमों कि सुबह देकर चलती है।
हर मौसम संग एहसासों कि एक सरगमसी चलती है जो जीवन के आशाओं मे कोई राहों कि निशानी कहती है आवाजों को दिशाओं कि पहचान अदाएं देती है अंदाजों कि सोच के दास्तानों कि परख बनती है जो आशाओं के लहरों कि पुकार देकर चलती है हर किनारे पर मुस्कान कि कोई आवाज सुनाई पडती है जो अरमानों को दिशाओं कि सुबह देकर चलती है।
हर मौसम संग एहसासों कि एक लहरसी चलती है जो जीवन के कदमों मे कोई आहट कि पुकार कहती है किस्सों को बदलावों कि कोशिश परख देती है आशाओं कि लहर के अदाओं कि पहचान बनती है जो अदाओं के अरमानों कि तलाश देकर चलती है हर लहर पर आस कि कोई पहचान सुनाई पडती है जो अफसानों को किनारों कि सुबह देकर चलती है।
हर मौसम संग एहसासों कि एक दिशासी चलती है जो जीवन के किनारों मे कोई जज्बातों कि परख कहती है आशाओं को कदमों कि आहट तराने देती है दास्तानों कि अफसानों के खयालों कि पुकार बनती है जो किनारों के अंदाजों कि परख देकर चलती है हर खयाल पर अंदाज कि कोई दास्तान सुनाई पडती है जो आशाओं को कदमों कि सुबह देकर चलती है।
हर मौसम संग एहसासों कि एक उमंगसी बहती है जो जीवन के दास्तानों मे कोई सपनों कि सोच कहती है अदाओं को नजारों कि तलाश इरादे देती है दिशाओं कि अरमानों के आशाओं कि निशानी बनती है जो आशाओं के जज्बातों कि सोच देकर चलती है हर आवाज पर मुस्कान कि कोई राह सुनाई पडती है जो अरमानों को दिशाओं कि सुबह देकर चलती है।
हर मौसम संग एहसासों कि एक उम्मीदसी बहती है जो जीवन के नजारों मे कोई आशाओं कि दिशा कहती है कदमों को अरमानों कि समझ नजारे देती है अंदाजों कि दास्तानों के अफसानों कि रोशनी उजाले बनती है जो तरानों के आवाजों कि परख देकर चलती है हर उमंग पर आशाओं कि कोई निशानी सुनाई पडती है जो अदाओं को दास्तानों कि सुबह देकर चलती है।
हर मौसम संग एहसासों कि एक तलाशसी बहती है जो जीवन के जज्बातों मे कोई अंदाजों कि परख कहती है दास्तानों को अल्फाजों कि सोच इशारे देती है दिशाओं कि सुबह के उजालों कि सोच इशारे बनती है जो आशाओं को लहरों कि समझ देकर चलती है हर उजाले पर अरमानों कि कोई उम्मीद सुनाई पडती है जो राहों को अल्फाजों कि सुबह देकर चलती है।
हर मौसम संग एहसासों कि एक समझसी बनती है जो जीवन के किस्सों मे कोई आवाजों कि सरगम कहती है कदमों को अफसानों कि रोशनी उजाले देती है राहों कि पहचान के उम्मीदों कि कोशिश परख बनती है जो अंदाजों को नजारों कि तलाश देकर चलती है हर आस पर आवाजों कि कोई पुकार सुनाई पडती है जो आशाओं को कदमों कि सुबह देकर चलती है।
हर मौसम संग एहसासों कि एक उमंगसी बहती है जो जीवन के खयालों मे कोई आशाओं कि निशानी कहती है दास्तानों को अदाओं कि सरगम धून देती है अंदाजों कि कोशिश के दास्तानों कि पुकार सहारे बनती है जो अरमानों को कदमों कि आहट देकर चलती है हर किनारे पर मुस्कान कि कोई समझ सुनाई पडती है जो दिशाओं को बदलावों कि सुबह देकर चलती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१५७. कदमों को आशाओं की।

                             कदमों को आशाओं की। कदमों को आशाओं की पुकार कोशिश सुनाती है नजारों को राहों की सौगात पहचान दिलाती है दास्तानों क...