Monday 30 December 2019

कविता. ३३३२. सूरज संग उजालों कि रोशनी।

                                                    सूरज संग उजालों कि रोशनी।
सूरज संग उजालों कि रोशनी उम्मीदे देती है दिशाओं को बदलावों कि समझ सहारे देती है अरमानों को लहरों कि सौगात तलाश देती है तरानों को आवाजों कि धून एहसास देती है नजारों को कदमों कि सौगात तलाश देती है दास्तानों को अल्फाजों कि समझ किनारे देती है कदमों को अफसानों कि सोच राह देती है अंदाजों को जज्बातों कि कोशिश पहचान देती है।
सूरज संग उजालों कि रोशनी तराने देती है दास्तानों को अफसानों कि तलाश इरादे देती है दिशाओं को बदलावों कि लहर आस देती है आशाओं को कदमों कि सोच इशारे देती है दास्तानों को लहरों कि उमंग किनारे देती है दिशाओं को अरमानों कि सोच सहारे देती है अरमानों को कदमों कि आहट पुकार देती है अदाओं को दास्तानों कि कोशिश पहचान देती है।
सूरज संग उजालों कि रोशनी नजारे देती है अंदाजों को जज्बातों कि सोच मुस्कान देती है तरानों को आवाजों कि धून सरगम देती है दिशाओं को अफसानों कि समझ इरादे देती है किनारों को अल्फाजों कि तलाश सहारे देती है खयालों को बदलावों कि समझ परख देती है तरानों को आवाजों कि सोच सरगम देती है दास्तानों को लहरों कि कोशिश पहचान देती है।
सूरज संग उजालों कि रोशनी इरादे देती है लहरों को अल्फाजों कि राह किनारे देती है कदमों को आशाओं कि निशानी जज्बात देती है दास्तानों को लहरों कि उमंग उम्मीदे देती है दिशाओं को अफसानों कि समझ सुबह देती है रोशनी को परख कि धाराएं दास्ताने देती है अंदाजों को एहसासों कि राह परख देती है लहरों को बदलावों कि कोशिश पहचान देती है।
सूरज संग उजालों कि रोशनी उम्मीदे देती है दिशाओं को बदलावों कि तलाश इरादे देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश इरादे देती है खयालों को बदलावों कि दास्तान राहे देती है जज्बातों को तरानों कि सोच तराने देती है किनारों को अफसानों कि कोशिश परख देती है अदाओं को नजारों कि समझ दास्तान देती है अदाओं को तरानों कि कोशिश पहचान देती है।
सूरज संग उजालों कि रोशनी लहरे देती है दास्तानों को अरमानों कि सरगम धून देती है दिशाओं को अफसानों कि समझ नजारे देती है जज्बातों को दिशाओं कि सुबह तराने देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश सहारे देती है कदमों को बदलावों कि समझ पुकार देती है आशाओं को अदाओं कि सुबह आस देती है दास्तानों को लहरों कि कोशिश पहचान देती है।
सूरज संग उजालों कि रोशनी तराने देती है अल्फाजों को तरानों कि सोच इशारे देती है कदमों को आशाओं कि निशानी किनारे देती है राहों को अफसानों कि समझ लहरे देती है किनारों को जज्बातों कि सोच सहारे देती है एहसासों को कदमों कि आहट आवाज देती है कदमों को अरमानों कि तलाश इरादे देती है आशाओं को दिशाओं कि कोशिश पहचान देती है।
सूरज संग उजालों कि रोशनी किनारे देती है दिशाओं को अफसानों कि तलाश सहारे देती है आवाजों को अरमानों कि सोच सहारे देती है सपनों को खयालों कि सुबह इशारे देती है उजालों को अदाओं कि उम्मीद तराने देती है अल्फाजों को तरानों कि पुकार धून देती है दिशाओं को अफसानों कि सुबह नजारे देती है राहों को अफसानों कि कोशिश पहचान देती है।
सूरज संग उजालों कि रोशनी उम्मीदे देती है अंदाजों को खयालों कि राह किनारे देती है आशाओं को कदमों कि आहट परख देती है दास्तानों को अफसानों कि सोच सरगम देती है अरमानों को जज्बातों कि सुबह खयाल देती है दिशाओं को अफसानों कि सरगम आवाज देती है अदाओं को किनारों कि आस परख देती है दिशाओं को बदलावों कि कोशिश पहचान देती है।
सूरज संग उजालों कि रोशनी दास्ताने देती है आशाओं को किनारों कि समझ दिशाएं देती है तरानों को अंदाजों कि सोच सपने देती है जज्बातों को अरमानों कि तलाश सहारे देती है अंदाजों को अफसानों कि पुकार आवाज देती है तरानों को आवाजों कि धून सरगम देती है दिशाओं को बदलावों कि सुबह एहसास देती है अदाओं को नजारों कि कोशिश पहचान देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१५७. कदमों को आशाओं की।

                             कदमों को आशाओं की। कदमों को आशाओं की पुकार कोशिश सुनाती है नजारों को राहों की सौगात पहचान दिलाती है दास्तानों क...