Monday 17 February 2020

कविता. ३३२९. किसी एहसास कि पुकार संग।

                                                   किसी एहसास कि पुकार संग।
किसी एहसास कि पुकार संग आशाओं कि सरगम बनती है जो दिशाओं के तरानों को अरमानों कि तलाश देती है कदमों को अफसानों कि समझ सुबह देती है अंदाजों को नजारों कि पहचान इशारे देती है आशाओं को अदाओं कि सौगात सहारे देती है लहरों को अल्फाजों कि सोच अरमान देती है लहरों को नजारों कि सोच पहचान देती है।
किसी एहसास कि पुकार संग किनारों कि लहर बनती है जो आशाओं के दास्तानों को अल्फाजों कि समझ देती है किनारों को जज्बातों कि सौगात कोशिश देती है अरमानों को सपनों कि आस परख देती है दास्तानों को लहरों कि उमंग इशारे देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश अफसाना देती है जज्बातों को राहों कि कोशिश पहचान देती है।
किसी एहसास कि पुकार संग नजारों कि तलाश बनती है जो जज्बातों के आवाजों को सपनों कि सुबह देती है तरानों को अरमानों कि तलाश अरमान देती है दिशाओं को बदलावों कि कोशिश मुस्कान देती है तरानों को आवाजों कि धून दास्ताने देती है आशाओं को कदमों कि आहट सौगात देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश पहचान देती है।
किसी एहसास कि पुकार संग दास्तानों कि परख बनती है जो तरानों के आशाओं को नजारों कि सोच देती है दिशाओं को बदलावों कि समझ तराने देती है लहरों को अल्फाजों कि सोच सरगम देती है जज्बातों को आशाओं कि तलाश अदाएं देती है दिशाओं को किनारों कि समझ परख देती है आवाजों को खयालों कि सुबह पहचान देती है।
किसी एहसास कि पुकार संग अदाओं कि सुबह बनती है जो आवाजों के अरमानों को कदमों कि आहट देती है तरानों को आवाजों कि धून पुकार देती है कोशिश को लम्हों कि निशानी एहसास देती है दिशाओं को बदलावों कि सुबह उजाले देती है उम्मीदों को जज्बातों कि सरगम आस देती है किनारों को लहरों कि अहमियत पहचान देती है।
किसी एहसास कि पुकार संग किनारों कि लहर बनती है जो जज्बातों के अफसानों को सपनों कि कोशिश देती है अंदाजों को नजारों कि समझ सुबह देती है अदाओं से कदमों कि आहट सौगात देती है दास्तानों को लहरों कि उमंग इशारे देती है अफसानों को खयालों कि सुबह उजाले देती है दिशाओं को बदलावों कि कोशिश पहचान देती है।
किसी एहसास कि पुकार संग आशाओं कि सरगम बनती है जो अंदाजों के एहसासों को जज्बातों कि सुबह देती है दिशाओं को बदलावों कि सरगम धून देती है आवाजों को खयालों कि कोशिश परख देती है आशाओं को किनारों कि समझ इरादे देती है दास्तानों को अफसानों कि सोच सहारे देती है लहरों को अल्फाजों कि परख पहचान देती है।
किसी एहसास कि पुकार संग आवाजों कि धून बनती है जो अफसानों के उम्मीदों को राहों कि समझ देती है आशाओं को किनारों कि कोशिश परख देती है जज्बातों को लहरों कि उमंग इशारे देती है तरानों को आवाजों कि धून पुकार देती है किनारों को जज्बातों कि तलाश एहसास देती है दास्तानों को अफसानों कि सुबह पहचान देती है।
किसी एहसास कि पुकार संग दास्तानों कि परख बनती है जो आशाओं के दास्तानों को अल्फाजों कि सोच देती है तरानों को आवाजों कि सरगम धून देती है दिशाओं को बदलावों कि कोशिश अरमान देती है अंदाजों को जज्बातों कि सोच इशारे देती है तरानों को आवाजों कि समझ उजाले देती है अंदाजों को नजारों कि सोच पहचान देती है।
किसी एहसास कि पुकार संग आशाओं कि समझ बनती है जो कदमों के अदाओं को किनारों कि लहर देती है नजारों को अफसानों कि समझ सोच देती है खयालों को दास्तानों कि परख आस देती है दिशाओं को बदलावों कि सुबह उम्मीदे देती है आशाओं को किनारों कि लहर अफसाने देती है तरानों को अरमानों कि तलाश पहचान देती है।

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