Thursday 13 February 2020

कविता. ३४२२. हर अदा संग सुबह के।

                                                       हर अदा संग सुबह के।
हर अदा संग सुबह के रंगों कि आस खयाल देती है दिशाओं को कदमों कि आवाज पहचान देती है लम्हों को कोशिश कि समझ अफसाने देती है दास्तानों को जज्बातों कि तलाश बहाने देती है आशाओं को कदमों कि आहट सौगात देती है तरानों को आवाजों कि धून पुकार देती है किनारों को जज्बातों कि सोच सहारे देती है खयालों को आशाओं कि निशानी देती है।
हर अदा संग सुबह के उजालों कि रोशनी उम्मीदे देती है राहों को अरमानों कि निशानी तलाश देती है कदमों को दिशाओं कि लहर दास्ताने देती है किनारों को खयालों कि कोशिश पहचान देती है अंदाजों को अफसानों कि समझ इरादे देती है दिशाओं को अल्फाजों कि पुकार एहसास देती है आशाओं को कदमों कि आहट समझ देती है अंदाजों को आशाओं कि निशानी देती है।
हर अदा संग सुबह के एहसासों कि पुकार आवाज देती है लहरों को अल्फाजों कि सोच सरगम देती है किनारों को लहरों कि उमंग इशारे देती है आवाजों को मुस्कान कि दुनिया आस देती है तरानों को आवाजों कि धून सरगम देती है खयालों को जज्बातों कि सोच अदाएं देती है कदमों को अफसानों कि सोच अरमान देती है दिशाओं को आशाओं कि निशानी देती है।
हर अदा संग सुबह के उम्मीदों कि निशानी अरमान देती है दास्तानों को अफसानों कि समझ कोशिश देती है आशाओं को कदमों कि आहट सौगात देती है जज्बातों को लहरों कि उमंग इशारे देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश दिशाएं देती है अंदाजों को अफसानों कि समझ परख देती है तरानों को आवाजों कि धून पुकार देती है किनारों को आशाओं कि निशानी देती है।
हर अदा संग सुबह के दिशाओं कि सोच सहारे देती है अंदाजों को लहरों कि उमंग इशारे देती है दास्तानों को अफसानों कि निशानी परख देती है दिशाओं को अरमानों कि तलाश कोशिश देती है अल्फाजों को जज्बातों कि सोच सहारे देती है उम्मीदों को राहों कि पहचान तराने देती है अंदाजों को नजारों कि निशानी आस देती है दास्तानों को आशाओं कि निशानी देती है।
हर अदा संग सुबह के एहसासों कि रोशनी उम्मीदे देती है आशाओं को कदमों कि आहट सौगात देती है खयालों को लहरों कि उमंग इशारे देती है तरानों को आवाजों कि धून सरगम देती है दिशाओं को लहरों कि उमंग इशारे देती है खयालों को किनारों कि लहर आस देती है दास्तानों को अरमानों कि कोशिश पहचान देती है कदमों को आशाओं कि निशानी देती है।
हर अदा संग सुबह के दास्तानों कि परख कोशिश देती है दिशाओं को अरमानों कि तलाश तराने देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश अरमान देती है कदमों को आशाओं कि निशानी सहारे देती है तरानों को आवाजों कि धून पुकार देती है अंदाजों को जज्बातों कि सोच सहारे देती है राहों को किनारों कि समझ अंदाज देती है दास्तानों को आशाओं कि निशानी देती है।
हर अदा संग सुबह के उजालों कि रोशनी उमंग देती है दास्तानों को अफसानों कि समझ आस देती है किनारों को जज्बातों कि सोच सहारे देती है अंदाजों को नजारों कि सुबह उम्मीदे देती है राहों को अरमानों कि तलाश सहारे देती है जज्बातों को अफसानों कि समझ सरगम देती है तरानों को आवाजों कि धून पुकार देती है दिशाओं को आशाओं कि निशानी देती है।
हर अदा संग सुबह के उम्मीदों कि समझ दास्तान देती है अंदाजों को जज्बातों कि सोच सहारे देती है दिशाओं को बदलावों कि परख खयाल देती है अंदाजों को कदमों कि आहट सौगात देती है किनारों को लहरों कि उमंग इशारे देती है किनारों को लहरों कि उमंग इशारे देती है दिशाओं को अरमानों कि तलाश सपने देती है तरानों को आशाओं कि निशानी देती है।
हर अदा संग सुबह के एहसासों कि कोशिश परख देती है आवाजों को खयालों कि सुबह उम्मीदे देती है राहों को अरमानों कि कोशिश पहचान देती है दास्तानों को अफसानों कि सोच तराने देती है कदमों को आशाओं कि निशानी राहे देती है दिशाओं को अल्फाजों कि समझ तराने देती है लहरों को अंदाजों कि लहर राहे देती है आवाजों को आशाओं कि निशानी देती है।

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