Sunday 4 August 2019

कविता. ३०३५. हर लम्हा कोई सरगम।

                                                              हर लम्हा कोई सरगम।
हर लम्हा कोई सरगम आसमानों से मिलती है जो जीवन के पथ पर कोई नयी आवाज बनकर सुनाई पडती है जो एहसासों को कदमों कि आहट से जुडने कि उमंग देती है दास्तानों को किनारों कि सौगात सहारे देती है कदमों को जज्बातों कि समझ किनारे देती है कोशिश को अफसानों कि सोच सहारे देती है राहों को दास्तानों कि समझ उम्मीद देती है तरानों को अरमानों कि समझ सहारे देती है।
हर लम्हा कोई सरगम खयालों से मिलती है जो जज्बात के पथ पर कोई नयी उमंग सुनाकर चलती है जो दास्तानों को किनारों कि सुबह के संग दिशाओं कि परख देती है अदाओं को अरमानों कि समझ सपने देती है अल्फाजों को अरमानों कि सोच बदलाव देती है कदमों को जज्बातों कि तलाश अफसाने देती है दिशाओं को किनारों कि तलाश तराने देती है राहों को अफसानों कि समझ सहारे देती है।
हर लम्हा कोई सरगम अल्फाजों से मिलती है जो दास्तानों के पथ पर कोई नयी पहचान देकर जाती है जो कदमों को अरमानों कि सोच के आशाओं कि राह देती है कोशिश को अंदाजों कि तलाश इशारे देती है किनारों को अंदाजों कि तलाश तराने देती है बदलावों को अदाओं कि परख उजाले देती है दास्तानों को उजालों कि सुबह रोशनी देती है दिशाओं को आशाओं कि समझ सहारे देती है।
हर लम्हा कोई सरगम सपनों से मिलती है जो कदमों से पथ पर कोई नयी उमंग सुनाकर देकर जाती है जो दास्तानों को जज्बातों कि समझ के अल्फाजों कि आहट इशारे देती है अफसानों को दिशाओं कि लहर सपने देती है रोशनी को उजालों कि सुबह इशारे देती है राहों को जज्बातों कि सोच उम्मीदे देती है अदाओं को दिशाओं कि परख उजाले देती है अल्फाजों को सपनों कि समझ सहारे देती है।
हर लम्हा कोई सरगम आशाओं से मिलती है जो दास्तानों से पथ पर कोई नयी आवाज देकर जाती है जो कदमों को अरमानों कि सोच के इशारों कि समझ संग उम्मीदे देती है कोशिश को अंदाजों कि तलाश तराने देती है अदाओं को किनारों कि लहर सपने देती है अल्फाजों को दिशाओं कि परख उजाले देती है कदमों को अरमानों कि तलाश तराने देती है दिशाओं को अंदाजों कि समझ सहारे देती है।
हर लम्हा कोई सरगम अफसानों से मिलती है जो किनारों से पथ पर कोई नयी कोशिश देकर जाती है जो राहों को जज्बातों कि तलाश के उजालों कि सुबह के इशारे देती है अदाओं को अरमानों कि सोच पहचान देती है आशाओं को कोशिश कि परख उजाले देती है रोशनी को दास्तानों कि तलाश तराने देती है राहों को अंदाजों कि राह उजाले देती है किनारों को जज्बातों कि समझ सहारे देती है।
हर लम्हा कोई सरगम किनारों से मिलती है जो कदमों से पथ पर कोई नयी आवाज देकर जाती है जो दास्तानों को अंदाजों कि समझ के इशारों कि तलाश संग तराने देती है कोशिश को अफसानों कि परख उम्मीदे देती है दास्तानों को अरमानों कि लहर सपने देती है अल्फाजों को जज्बातों कि परख उजाले देती है तरानों को दिशाओं के एहसास दास्ताने देती है अदाओं कि तलाश कि समझ सहारे देती है।
हर लम्हा कोई सरगम अफसानों से मिलती है जो दास्तानों से पथ पर कोई नयी लहर देकर जाती है जो जज्बातों को आशाओं कि अदाओं के उजालों कि सुबह देती है अल्फाजों को अंदाजों कि तलाश तराने देती है अफसानों को कदमों कि आहट इशारे देती है कोशिश को राहों कि तलाश तराने देती है किनारों को लहरों कि समझ अफसाने देती है दिशाओं कि परख कि समझ सहारे देती है।
हर लम्हा कोई सरगम सपनों से मिलती है जो किनारों से पथ पर कोई नयी कोशिश देकर जाती है जो कदमों को अरमानों कि पुकार के अफसाने कि राह देती है कदमों को जज्बातों कि तलाश तराने देती है किनारों को अंदाजों कि तलाश इशारे देती है दास्तानों को कदमों कि आहट इशारे देती है कोशिश को अल्फाजों कि आस तराने देती है कदमों कि पुकार कि समझ सहारे देती है।
हर लम्हा कोई सरगम खयालों से मिलती है जो दिशाओं से पथ पर कोई नयी आवाज देकर जाती है जो दास्तानों को कोशिश कि परख के उजाले कि उमंग देती है अल्फाजों को अरमानों कि सोच सपने देती है अदाओं को जज्बातों कि पहचान  राहे देती है अंदाजों को कोशिश कि समझ उम्मीद देती है कदमों को अंदाजों कि समझ उमंग देती है अल्फाजों कि आहट कि तलाश कि समझ सहारे देती है।

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