Sunday 8 September 2019

कविता. ३१०५. हर पुकार को आवाजों कि धून।

                                                              हर पुकार को आवाजों कि धून।
हर पुकार को आवाजों कि धून उम्मीदे देती है दास्तानों को अफसानों कि पहचान इशारे देती है आशाओं को जज्बातों कि सोच सपने देती है एहसासों को अंदाजों कि समझ उमंग देती है दिशाओं को कदमों कि आहट अफसाने देती है तरानों को बदलावों कि सरगम धून देती है किनारों को नजारों कि परख उजाले देती है अदाओं को दास्तानों कि पहचान अल्फाज देती है।
हर पुकार को आवाजों कि धून राहे देती है अदाओं को किनारों कि समझ बदलाव देती है दास्तानों को अफसानों कि तलाश तराने देती है कदमों को अरमानों कि सुबह इशारे देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश तराने देती है कोशिश को जज्बातों कि लहर सपने देती है अदाओं को अंदाजों कि सोच सपने देती है दिशाओं को अफसानों कि रोशनी अल्फाज देती है।
हर पुकार को आवाजों कि धून उजाले देती है रोशनी को बदलावों कि परख उजाले देती है रोशनी को दिशाओं कि कोशिश अदाएं देती है किनारों को एहसासों कि आस दास्तान देती है किनारों को आशाओं कि समझ उमंग देती है आशाओं को कदमों कि आहट इशारे देती है अंदाजों को किनारों कि लहर इशारे देती है किनारो को एहसासों कि परख अल्फाज देती है।
हर पुकार को आवाजों कि धून दास्ताने देती है कदमों को अरमानों कि सोच सपने देती है उजालों को अंदाजों कि समझ उमंग देती है दिशाओं को अफसानों कि तलाश तराने देती है अदाओं को दास्तानों कि पहचान इशारे देती है दिशाओं को कदमों कि सोच सहारे देती है दिशाओं को जज्बातों कि सुबह नजारे देती है अल्फाजों को अंदाजों कि समझ अल्फाज देती है।
हर पुकार को आवाजों कि धून अफसाने देती है अदाओं को दास्तानों कि समझ उमंग देती है उम्मीदों को जज्बातों कि तलाश तराने देती है किनारों को नजारों कि सोच सपने देती है दिशाओं को नजारों कि परख उजाले देती है दास्तानों को अफसानों कि समझ उमंग देती है अदाओं को किनारों कि समझ उमंग देती है दिशाओं को जज्बातों कि सोच अल्फाज देती है।
हर पुकार को आवाजों कि धून उजाले देती है कदमों को अरमानों कि सोच सपने देती है दास्तानों को दिशाओं कि लहर इशारे देती है अदाओं को तरानों कि तलाश इशारे देती है अंदाजों को किनारों कि समझ उम्मीदे देती है राहों को एहसासों कि समझ उमंग देती है जज्बातों को अरमानों कि तलाश इशारे देती है अफसानों को तरानों कि पहचान इशारे के संग अल्फाज देती है।
हर पुकार को आवाजों कि धून रोशनी देती है दिशाओं को बदलावों कि सरगम धून देती है आशाओं को किनारों कि समझ उमंग देती है इरादों को कोशिश कि परख उजाले देती है दास्तानों को अफसानों कि सोच सपने देती है आशाओं को जज्बातों कि समझ उम्मीद देती है कदमों को अंदाजों कि समझ उमंग देती है दिशाओं को जज्बातों कि समझ अल्फाज देती है।
हर पुकार को आवाजों कि धून उम्मीदे देती है अदाओं को अंदाजों कि तलाश तराने देती है कोशिश को अफसानों कि सरगम धून देती है राहों को अंदाजों कि सोच सपने देती है कोशिश को दिशाओं कि लहर इशारे देती है दास्तानों को कदमों कि आहट इशारे देती है राहों को अफसानों कि तलाश तराने देती है अदाओं को किनारों कि पहचान अल्फाज देती है।
हर पुकार को आवाजों कि धून उजाले देती है दास्तानों को अफसानों कि सोच सपने देती है आशाओं को जज्बातों कि समझ उमंग देती है दिशाओं को अफसानों कि तलाश इशारे देती है अदाओं को किनारों कि समझ उमंग देती है उम्मीदों को अंदाजों कि समझ बदलाव देती है दिशाओं को किनारों कि लहर तराने देती है दास्तानों को राहों कि सौगात अल्फाज देती है।
हर पुकार को आवाजों कि धून इशारे देती है दिशाओं को कदमों कि आहट अफसाने देती है अदाओं को किनारों कि लहर सपने देती है दास्तानों को एहसासों कि समझ उमंग देती है दिशाओं को राहों कि तलाश तराने देती है आशाओं को जज्बातों कि सोच पहचान देती है कोशिश को अंदाजों कि सोच सहारे देती है सपनों को अरमानों कि परख अल्फाज देती है।

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