Thursday 24 October 2019

कविता. ३१९८. हर लम्हा कोई सुबह कि पहचान।

                                                          हर लम्हा कोई सुबह कि पहचान।
हर लम्हा कोई सुबह कि पहचान आवाज देती है रोशनी को बदलावों कि परख उम्मीदे देती है दास्तानों को अफसानों कि समझ उमंग देती है कोशिश को अंदाजों कि सोच सपने देती है दिशाओं को अरमानों कि समझ उमंग देती है कदमों को तरानों कि परख धून देती है दिशाओं को अरमानों कि सोच सपने देती है कोशिश को अंदाजों कि लहर संग नजारों कि तलाश देती है।
हर लम्हा कोई सुबह कि पहचान इशारे देती है कोशिश को जज्बातों कि समझ उम्मीद देती है अल्फाजों को अरमानों कि सरगम खयाल देती है तरानों को बदलावों कि समझ उमंग देती है दास्तानों को अंदाजों कि कोशिश अदाएं देती है आशाओं को किनारों कि लहर सपने देती है अदाओं को जज्बातों कि समझ उम्मीद देती है राहों को लहरों कि सोच संग नजारों कि तलाश देती है।
हर लम्हा कोई सुबह कि पहचान अल्फाज देती है दास्तान को आशाओं कि कोशिश अफसाने देती है दिशाओं को अफसानों कि सोच सपने देती है अंदाजों को कदमों कि आहट कोशिश देती है राहों को किनारों कि लहर इशारे देती है अदाओं को जज्बातों कि रोशनी उम्मीदे देती है राहों को अफसानों कि सुबह नजारे देती है दास्तानों को अंदाजों कि सरगम संग नजारों कि तलाश देती है।
हर लम्हा कोई सुबह कि पहचान रोशनी देती है नजारे को अरमानों कि समझ उजाले देती है दास्तानों को जज्बातों कि कोशिश अफसाने देती है दिशाओं को किनारों कि लहर सपने देती है दिशाओं को कदमों कि समझ बदलाव देती है आशाओं को कदमों कि समझ उमंग देती है अदाओं को अल्फाजों कि आहट अरमान देती है राहों को जज्बातों कि रोशनी संग नजारों कि तलाश देती है।
हर लम्हा कोई सुबह कि पहचान उजाले देती है दिशाओं को जज्बातों कि कोशिश अदाएं देती है लहरों को अरमानों कि समझ उमंग देती है दास्तानों को अफसानों कि सोच सहारे देती है दास्तानों को दिशाओं कि सरगम धून देती है अंदाजों को किनारों कि लहर कोशिश देती है आशाओं को जज्बातों कि रोशनी उजाले देती है कदमों को आशाओं कि परख संग नजारों कि तलाश देती है।
हर लम्हा कोई सुबह कि पहचान उम्मीदे देती है दास्तानों को तरानों कि समझ बदलाव देती है कदमों को आशाओं कि परख उजाले देती है रोशनी को दिशाओं कि सरगम धून देती है आवाजों को अंदाजों कि सोच सपने देती है दास्तानों को अरमानों कि समझ उमंग देती है एहसासों को आशाओं कि समझ उमंग देती है कोशिश को अफसानों कि सरगम नजारों कि तलाश देती है।
हर लम्हा कोई सुबह कि पहचान दास्ताने देती है अंदाजों को कदमों कि आहट अरमान देती है दिशाओं को तरानों कि समझ उमंग देती है अल्फाजों को जज्बातों कि सौगात खयाल देती है अदाओं को राहों कि कोशिश अफसाने देती है तरानों को बदलावों कि समझ उम्मीद देती है दिशाओं कि सरगम धून देती है कदमों को आशाओं कि पहचान नजारों कि तलाश देती है।
हर लम्हा कोई सुबह कि पहचान नजारे देती है दिशाओं को लहरों कि परख अदाएं देती है कोशिश को दास्तानों कि लहर अफसाने देती है कदमों को आशाओं कि लहर एहसास देती है किनारों को आवाजों कि धून सरगम देती है राहों को अफसानों कि लहर नजारे देती है अंदाजों को अफसानों कि परख दिशाएं देती है कोशिश को दास्तानों कि पुकार नजारों कि तलाश देती है।
हर लम्हा कोई सुबह कि पहचान इशारे देती है कदमों को जज्बातों कि लहर दास्ताने देती है राहों को एहसासों कि कोशिश अरमान देती है तरानों को आवाजों कि सोच पहचान देती है बदलावों को किनारों कि समझ अफसाने देती है तरानों को आशाओं कि पुकार इशारे देती है कदमों कि लहर दास्ताने देती है जज्बातों को अफसानों कि आहट नजारों कि तलाश देती है।
हर लम्हा कोई सुबह कि पहचान किनारे देती है आशाओं को कदमों कि आहट लहरे देती है नजारों कि अफसानों कि दास्तान राहे देती है राहों को जज्बातों कि परख बदलाव देती है नजारों को एहसासों कि परख कोशिश देती है राहों को अल्फाजों कि लहर सुबह देती है राहों को लहरों कि परख किनारे देती है अफसानों कि सरगम को खयालों कि आंधी नजारों कि तलाश देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...