Monday 14 October 2019

कविता. ३१७७. हर पुकार को आवाजों कि धून।

                                                              हर पुकार को आवाजों कि धून।
हर पुकार को आवाजों कि धून उम्मीदे देती है अदाओं को जज्बातों कि तलाश एहसास देती है दिशाओं को अरमानों कि समझ उमंग देती है दास्तानों को अंदाजों कि सोच सपने देती है आशाओं को कदमों कि आहट अल्फाज देती है आवाजों को सरगम कि पहचान इशारे देती है अफसानों कि समझ इशारे देती है कदमों को जज्बातों कि तलाश तराने को परख देती है।
हर पुकार को आवाजों कि धून उजाले देती है राहों को अफसानों कि सुबह कोशिश देती है अदाओं को जज्बातों कि तलाश नजारे देती है आशाओं को दिशाओं कि सरगम धून देती है अंदाजों को किनारों कि सोच सपने देती है दास्तानों को अंदाजों कि सुबह सोच देती है कदमों को उम्मीदों कि समझ किनारे देती है अदाओं को अरमानों कि समझ तराने को परख देती है।
हर पुकार को आवाजों कि धून दास्ताने देती है आशाओं को अंदाजों कि सोच सपने देती है कदमों को इरादों कि लहर अल्फाज देती है एहसासों को जज्बातों कि तलाश तराने देती है दिशाओं को अरमानों कि समझ सरगम देती है अदाओं को किनारों कि सोच सहारे देती है आशाओं को जज्बातों कि तलाश सहारे देती है दिशाओं को अंदाजों कि उमंग तराने को परख देती है।
हर पुकार को आवाजों कि धून राहे देती है दिशाओं को अरमानों कि तलाश इशारे देती है किनारों को एहसासों कि समझ उम्मीद देती है उजालों को रोशनी कि पहचान किरणे देती है अदाओं को जज्बातों कि सोच सहारे देती है आशाओं को अंदाजों कि तलाश इशारे देती है राहों को अफसानों कि सुबह इशारे देती है राहों को जज्बातों कि समझ तराने को परख देती है।
हर पुकार को आवाजों कि धून लहरे देती है दास्तानों को आशाओं कि समझ उजाले देती है दिशाओं को अरमानों कि सोच सपने देती है उम्मीदों को आशाओं कि तलाश इशारे देती है लहरों को अंदाजों कि लहर सपने देती है जज्बातों को अफसानों कि सरगम धून देती है अदाओं को दिशाओं कि तलाश सहारे देती है अंदाजों को कदमों कि आहट तराने को परख देती है।
हर पुकार को आवाजों कि धून तराने देती है अदाओं को जज्बातों कि सोच सपने देती है दास्तानों को अंदाजों कि तलाश इशारे देती है तरानों को बदलावों कि कोशिश अफसाने देती है आशाओं को किनारों कि सोच सहारे देती है दास्तानों को एहसासों कि सुबह खयाल देती है लहरों को अंदाजों कि समझ उजाले देती है राहों को अफसानों कि तलाश तराने को परख देती है।
हर पुकार को आवाजों कि धून इशारे देती है राहों को अफसानों कि रोशनी उजाले देती है दिशाओं को अरमानों कि सोच सहारे देती है दास्तानों को कदमों कि आहट अल्फाज देती है अदाओं को किनारों को अदाओं कि तलाश अरमान देती है राहों को अफसानों कि सुबह इशारे देती है किनारों कि समझ उमंग देती है आशाओं को अंदाजों कि सोच तराने को परख देती है।
हर पुकार को आवाजों कि धून नजारे देती है दिशाओं को अरमानों कि सोच सहारे देती है आशाओं को जज्बातों कि तलाश इशारे देती है अदाओं को अरमानों कि समझ उम्मीद देती है दास्तानों को कदमों को आवाजों कि समझ लहर देती है नजारों को अंदाजों कि तलाश सहारे देती है कदमों कि आहट अल्फाज देती है दिशाओं को जज्बातों कि तलाश तराने को परख देती है।
हर पुकार को आवाजों कि धून उजाले देती है रोशनी को बदलावों कि कोशिश अदाएं देती है दिशाओं को अरमानों कि राह उजाले देती है रोशनी को बदलावों कि समझ उमंग देती है आशाओं को किनारों को एहसासों कि राह उजाले देती है जज्बातों को लहरों कि समझ उमंग देती है दिशाओं कि सरगम धून देती है अदाओं को नजारों कि समझ तराने को परख देती है।
हर पुकार को आवाजों कि धून उम्मीदे देती है अदाओं को जज्बातों कि समझ उमंग देती है आशाओं को अंदाजों कि तलाश तराने देती है दिशाओं को अरमानों कि सोच उजाले देती है राहों को दिशाओं को अरमानों कि समझ उम्मीद देती है दास्तानों को कदमों कि आहट अल्फाज देती है किनारों कि लहर इशारे देती है राहों को अंदाजों कि सोच तराने को परख देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...