Tuesday 15 October 2019

कविता. ३१७९. हर लहर को नदीया कि कोई आवाज।

                                                               हर लहर को नदीया कि कोई आवाज।
हर लहर को नदीया कि कोई आवाज सुनानी होती है जो जीवन के जज्बातों कि कोई कहानी कहती है किनारों को इशारों कि राह सुनाई पडती है किसी उम्मीद संग दिशाओं कि सरगम एहसास देती है कदमों को उम्मीदों कि पहचान अल्फाज देती है दास्तानों को अरमानों कि सौगात परख देती है कदमों को आशाओं कि सुबह इशारे देती है अदाओं को जज्बातों कि राहे देती है।
हर लहर को नदीया कि कोई आवाज सुनानी होती है जो रोशनी के पेहलू कि कोई सरगम कहती है दास्तानों को जज्बातों कि सोच सुनाई पडती है किसी कोशिश संग अरमानों कि समझ उमंग देती है अदाओं को जज्बातों कि तलाश तराने देती है दिशाओं को कदमों कि आहट अल्फाज देती है अदाओं को अरमानों कि समझ उम्मीद देती है आशाओं को जज्बातों कि राहे देती है।
हर लहर को नदीया कि कोई आवाज सुनानी होती है जो उजाले के अफसाने कि कोई उम्मीद कहती है दिशाओं को अरमानों कि समझ सुनाई पडती है किसी तलाश संग उजालों कि परख रोशनी देती है दिशाओं को पहचान कि सोच देती है दास्तानों को जज्बातों कि समझ उमंग देती है कदमों को आशाओं को सुबह नजारे देती है दिशाओं को जज्बातों कि राहे देती है।
हर लहर को नदीया कि कोई आवाज सुनानी होती है जो एहसास के उम्मीद कि कोई आवाज कहती है दास्तानों को अफसानों कि तलाश सुनाई पडती है किसी कदम संग एहसासों कि सोच सपने देती है अदाओं को अंदाजों कि सरगम देती है दिशाओं को अरमानों कि तलाश इशारे देती है आवाजों को एहसासों को आस सहारे देती है दास्तानों को जज्बातों कि राहे देती है।
हर लहर को नदीया कि कोई आवाज सुनानी होती है जो इशारों के सपने कि कोई सरगम कहती है कदमों को आशाओं कि पहचान सुनाई पडती है किसी कोशिश संग दिशाओं कि तलाश तराने देती है आवाजों को धून कि पहचान देती है दास्तानों को अंदाजों कि पुकार सपने देती है दिशाओं को कदमों कि आहट अल्फाज देती है तरानों को बदलावों कि सोच जज्बातों कि राहे देती है।
हर लहर को नदीया कि कोई आवाज सुनानी होती है जो रोशनी के तराने कि कोई पुकार कहती है आशाओं को अंदाजों कि समझ सुनाई पडती है किसी आस संग दास्तानों कि सौगात इशारे देती है उजालों को रोशनी कि किरण देती है अल्फाजों को जज्बातों कि सोच इशारे देती है अदाओं को अंदाजों कि तलाश तराने देती है दिशाओं को एहसासों कि परख जज्बातों कि राहे देती है।
हर लहर को नदीया कि कोई आवाज सुनानी होती है जो जज्बात के इशारे कि कोई सरगम कहती है दास्तानों को आशाओं कि राह सुनाई पडती है किसी कोशिश संग दिशाओं कि सरगम धून देती है अदाओं को अरमानों कि सोच देती है अदाओं को अरमानों कि तलाश तराने देती है नजारों को खयालों कि समझ उमंग देती है आशाओं को अंदाजों कि समझ जज्बातों कि राहे देती है।
हर लहर को नदीया कि कोई आवाज सुनानी होती है जो उजालों के सपने कि कोई पुकार कहती है कदमों को उम्मीदों कि पुकार सुनाई पडती है किसी अंदाज संग दास्तानों कि समझ बदलाव देती है राहों को अफसानों कि तलाश देती है दिशाओं को कदमों कि आहट अरमान देती है एहसासों को अंदाजों कि तलाश उम्मीद देती है अदाओं को किनारों कि लहर जज्बातों कि राहे देती है।
हर लहर को नदीया कि कोई आवाज सुनानी होती है जो इशारों के रोशनी कि कोई किरण कहती है दास्तानों को अंदाजों कि सोच सुनाई पडती है किसी कोशिश संग दिशाओं कि सरगम धून देती है कदमों को आशाओं कि समझ देती है अदाओं को अरमानों कि तलाश इशारे देती है आवाजों को तरानों कि समझ उमंग देती है दास्तानों को अरमानों कि सोच जज्बातों कि राहे देती है।
हर लहर को नदीया कि कोई आवाज सुनानी होती है जो इरादों के सपने कि कोई पुकार कहती है आशाओं को अफसानों कि तलाश सुनाई पडती है किसी अंदाज संग एहसासों कि परख उजाले देती है खयालों को नजारों कि पुकार देती है किनारों को दिशाओं कि सरगम धून देती है आशाओं को अंदाजों कि तलाश सहारे देती है रोशनी को अफसानों कि समझ जज्बातों कि राहे देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...