Monday 7 October 2019

कविता. ३१६३. हर लहर संग नजारों कि नयी।

                                                              हर लहर संग नजारों कि नयी।
हर लहर संग नजारों कि नयी दास्तान बनती है जो जीवन कि कहानी हर लम्हा कहती है दिशाओं को अरमानों कि निशानी देती है अदाओं को अंदाजों के जज्बातों कि तलाश सहारे देती है सपनों को एहसासों कि कोई निशानी देती है अदाओं को कदमों को उम्मीदों कि पुकार इशारे देती है राहों को अफसानों कि सोच सपने देती है रंगों को आशाओं कि तलाश किनारे देती है।
हर लहर संग नजारों कि नयी पहचान बनती है जो कोशिश कि परख हर पल कहती है आशाओं को जज्बातों कि समझ देती है दिशाओं को अरमानों के इशारों कि सोच इरादे देती है कदमों को आशाओं कि कोई सरगम देती है आवाजों को अंदाजों कि सोच पहचान देती है दिशाओं को अरमानों कि आवाज एहसास देती है किनारों को एहसासों कि परख किनारे देती है।
हर लहर संग नजारों कि नयी आवाज बनती है जो सरगम कि दुनिया हर लम्हा कहती है दास्तानों को राहों कि पहचान देती है आशाओं को जज्बातों के उजालों कि रोशनी उम्मीदे देती है अदाओं को किनारों कि कोई परख देती है अल्फाजों को अरमानों कि समझ उमंग देती है कदमों को उम्मीदों कि परख सहारे देती है दास्तानों को अफसानों कि समझ किनारे देती है।
हर लहर संग नजारों कि नयी पुकार बनती है जो रोशनी कि किरण हर पल कहती है कदमों को उम्मीदों कि समझ देती है उजालों को अरमानों के इशारों कि परख उम्मीदे देती है आशाओं को अंदाजों कि तलाश कोई उमंग देती है कोशिश को जज्बातों कि सोच सपने देती है तरानों को बदलावों कि लहर इशारे देती है अदाओं को जज्बातों कि तलाश किनारे देती है।
हर लहर संग नजारों कि नयी सहारा बनती है जो जज्बात कि समझ हर लम्हा कहती है एहसासों को दिशाओं कि तलाश देती है उम्मीदों को कदमों के तरानों कि सौगात खयाल देती है राहों को अफसानों कि सुबह इशारे देती है आवाज को अंदाजों कि समझ उम्मीद देती है दिशाओं को अरमानों कि रोशनी उजाले देती है दिशाओं को अंदाजों कि अहमियत किनारे देती है।
हर लहर संग नजारों कि नयी सुबह बनती है जो पुकार कि आवाज हर पल कहती है सरगम को जज्बातों कि कोशिश देती है उजालों को एहसासों के सपनों कि राह तराने देती है दिशाओं को अरमानों कि सोच सपने देती है अदाओं को किनारों कि लहर अल्फाज देती है अंदाजों को कदमों कि आहट इशारे देती है आशाओं को दास्तानों कि पहचान किनारे देती है।
हर लहर संग नजारों कि नयी परख बनती है जो उमंग कि कोशिश हर लम्हा कहती है आशाओं को अंदाजों कि तलाश देती है दिशाओं को अरमानों के इशारों कि सोच सपने देती है दास्तानों को जज्बातों कि समझ उजाले देती है कदमों को इरादों कि परख उम्मीदे देती है दिशाओं को रोशनी कि परख उजाले देती है अदाओं को अंदाजों कि सरगम किनारे देती है।
हर लहर संग नजारों कि नयी आस बनती है जो रोशनी कि तलाश हर पल कहती है दास्तानों को जज्बातों कि समझ देती है अदाओं को अंदाजों के सपनों कि तलाश तराने देती है कदमों को आशाओं कि परख उम्मीदे देती है आशाओं को अफसानों कि सुबह नजारे देती है राहों को अफसानों कि तलाश इशारे देती है दिशाओं को अरमानों कि समझ किनारे देती है।
हर लहर संग नजारों कि नयी पुकार बनती है जो जज्बात कि कोशिश हर लम्हा कहती है आशाओं को अंदाजों कि सोच देती है सपनों को एहसासों के राहों कि लहर सपने देती है अदाओं को दास्तानों कि समझ उजाले देती है दिशाओं को अरमानों कि समझ उजाले देती है उम्मीदों को आशाओं कि परख दास्ताने देती है आशाओं को जज्बातों कि तलाश किनारे देती है।
हर लहर संग नजारों कि नयी परख बनती है जो उजाले कि समझ हर पल कहती है दास्तानों को अरमानों कि समझ देती है अदाओं को किनारों के अंदाजों कि तलाश तराने देती है नजारों को आशाओं कि परख उम्मीदे देती है जज्बातों को दास्तानों कि सोच उम्मीदे देती है अदाओं को लम्हों कि ख्वारीश तलाश देती है अदाओं को अंदाजों कि राह किनारे देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...