Friday 18 October 2019

कविता. ३१८५. हर लम्हा कोई कोशिश जज्बातों को।

                                                         हर लम्हा कोई कोशिश जज्बातों को।
हर लम्हा कोई कोशिश जज्बातों को दिशाएं देती है कदमों को आशाओं कि पहचान अल्फाज देती है अदाओं कि किनारों को एहसासों कि रोशनी उजाले देती है अफसानों को कदमों कि आहट अरमान देती है दिशाओं को एहसासों कि सोच सपने देती है जज्बातों को अंदाजों कि पुकार धून देती है दास्तानों को आवाजों कि तलाश इशारे देती है आवाजों को धून कि सरगम देती है।
हर लम्हा कोई कोशिश जज्बातों को समझ देती है दिशाओं को अरमानों कि परख उम्मीदे देती है कदमों कि जज्बातों को अफसानों कि तलाश तराने देती है किनारों को अंदाजों कि तलाश सहारे देती है आशाओं को लहरों कि कहानी उजाले देती है तरानों को राहों कि समझ उमंग देती है जज्बातों को आशाओं कि समझ बदलाव देती है दास्तानों को धून कि सरगम देती है।
हर लम्हा कोई कोशिश जज्बातों को राह देती है अफसानों को किनारों कि लहर सपने देती है नजारों कि पहचान को आशाओं कि परख उजाले देती है दास्तानों को दिशाओं कि समझ उम्मीद देती है अंदाजों को कदमों कि आहट अल्फाज देती है नजारों को अरमानों कि रोशनी उजाले देती है दिशाओं को एहसासों कि परख उम्मीदे देती है अदाओं को धून कि सरगम देती है।
हर लम्हा कोई कोशिश जज्बातों को अल्फाज देती है एहसासों को कदमों कि आहट राह देती है दास्तानों कि सुबह को अंदाजों कि समझ उमंग देती है कदमों को उम्मीदों कि पुकार सपने देती है अदाओं को अरमानों कि समझ उमंग देती है तरानों को बदलावों कि परख किनारे देती है दिशाओं को राहों कि तलाश इशारे देती है अल्फाजों को धून कि सरगम देती है।
हर लम्हा कोई कोशिश जज्बातों को उजाला देती है दास्तानों को अंदाजों कि तलाश तराने देती है आवाजों कि समझ को कदमों कि आहट अल्फाज देती है अदाओं को अरमानों कि सोच सहारे देती है दिशाओं को इशारों कि आस एहसास देती है किनारों को नजारों कि समझ उमंग देती है अफसानों को तरानों कि समझ उम्मीद देती है कदमों को धून कि सरगम देती है।
हर लम्हा कोई कोशिश जज्बातों को दास्तान देती है आशाओं को किनारों कि लहर सपने देती है कदमों कि आहट को खयालों कि ख्वारीश तलाश देती है दिशाओं को अफसानों कि समझ उम्मीद देती है दास्तानों कि सोच सपने देती है अदाओं को अंदाजों कि तलाश सहारे देती है आशाओं को किनारों कि लहर नजारे देती है लहरों को धून कि सरगम देती है।
हर लम्हा कोई कोशिश जज्बातों को तलाश देती है दिशाओं को अरमानों कि समझ उमंग देती है राहों कि पहचान को आशाओं कि परख उजाले देती है दास्तानों को जज्बातों कि सोच सपने देती है कदमों को उम्मीदों कि पुकार सपने देती है खयालों को एहसासों कि समझ बदलाव देती है दास्तानों को अफसानों कि तलाश तराने देती है राहों को धून कि सरगम देती है।
हर लम्हा कोई कोशिश जज्बातों को आस देती है दास्तानों को अफसानों कि तलाश इशारे देती है कदमों कि आहट को खयालों कि लहर रोशनी देती है अदाओं को किनारों कि लहर इरादे देती है दिशाओं को जज्बातों कि सोच सहारे देती है अल्फाजों को राहों कि तलाश तराने देती है दास्तानों को अंदाजों कि सोच सपने देती है आशाओं को धून कि सरगम देती है।
हर लम्हा कोई कोशिश जज्बातों को अंदाज देती है आशाओं को कदमों कि आहट अल्फाज देती है दिशाओं कि तलाश को एहसासों कि समझ सपने देती है आशाओं को अफसानों कि सोच सपने देती है तरानों को बदलावों कि परख उम्मीदे देती है कदमों को उम्मीदों कि समझ उमंग देती है दिशाओं को अरमानों कि समझ उजाले देती है रोशनी को धून कि सरगम देती है।
हर लम्हा कोई कोशिश जज्बातों को लहर देती है किनारों को एहसासों कि सोच सपने देती है दास्तानों कि पहचान को कदमों कि आहट अल्फाज देती है अदाओं को किनारों कि लहर इशारे देती है तरानों को जज्बातों कि सुबह नजारे देती है दिशाओं को राहों कि समझ उम्मीद देती है दास्तानों को जज्बातों कि समझ तराने देती है लहरों को धून कि सरगम देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...