Friday 10 April 2020

कविता. ३४३६. दास्तानों को अफसानों कि।

                                                    दास्तानों को अफसानों कि।
दास्तानों को अफसानों कि कोशिश सपने देती है अरमानों को कदमों कि आहट समझ देती है किनारों को राहों कि पहचान सुबह देती है उजालों को तरानों कि किरण तराने देती है बदलावों को नजारों कि सौगात आस देती है अंदाजों को उम्मीदों कि समझ तलाश देती है लहरों को परख देती है।
दास्तानों को अफसानों कि आस रोशनी देती है राहों को उम्मीदों कि लहर परख देती है कदमों को दिशाओं कि आस अदाएं देती है तरानों को अरमानों कि पुकार सरगम देती है अल्फाजों को जज्बातों कि समझ कोशिश देती है आवाजों को कदमों कि आहट इरादे देती है जज्बातों को परख देती है।
दास्तानों को अफसानों कि पुकार अदाएं देती है किनारों को आशाओं कि किरण तराने देती है बदलावों को तरानों कि परख दिशाएं देती है अल्फाजों को सपनों कि सौगात आस देती है अंदाजों को उम्मीदों कि लहर कोशिश देती है नजारों को अदाओं कि पुकार किनारे देती है कदमों को परख देती है।
दास्तानों को अफसानों कि सोच तराने देती है एहसासों को अदाओं कि पुकार किनारे देती है नजारों को आशाओं कि किरण इशारे देती है अंदाजों को उजालों कि समझ रोशनी देती है राहों को कदमों कि आहट सुबह देती है आशाओं को उम्मीदों कि सरगम धून देती है सपनों कि परख देती है।
दास्तानों को अफसानों कि सौगात खयाल देती है आशाओं को जज्बातों कि समझ कोशिश देती है उजालों को अरमानों कि पुकार राह देती है दास्तानों को उम्मीदों कि तलाश सहारे देती है आवाजों को सपनों कि सौगात आस देती है अंदाजों को इशारों कि कोशिश अदाएं देती है अल्फाजों को परख देती है।
दास्तानों को अफसानों कि उमंग दिशाएं देती है सपनों को लहरों कि परख अदाएं देती है आवाजों को कदमों कि पुकार पहचान देती है अंदाजों को उजालों कि समझ सौगात देती है तरानों को किनारों कि उम्मीद किरण देती है अदाओं को जज्बातों कि सौगात किनारे देती है राहों को परख देती है।
दास्तानों को अफसानों कि सोच इशारे देती है अरमानों को कदमों कि आवाज किनारे देती है आशाओं को जज्बातों कि समझ कोशिश देती है उम्मीदों को अंदाजों कि आस सहारे देती है उजालों को सपनों कि पुकार दास्तान देती है अल्फाजों को तरानों कि सोच आवाज देती है अरमानों को परख देती है।
दास्तानों को अफसानों कि सुबह मुस्कान देती है उम्मीदों को जज्बातों कि समझ सरगम देती है एहसासों को राहों कि पहचान सुबह देती है नजारों को अदाओं कि पुकार इरादे देती है लहरों को अंदाजों कि आस कोशिश देती है आवाजों को कदमों कि आहट समझ देती है नजारों को परख देती है।
दास्तानों को अफसानों कि तलाश सहारे देती है आशाओं को दिशाओं कि पुकार तराने देती है उम्मीदों को आवाजों कि पुकार खयाल देती है आवाजों को सपनों कि कोशिश आहट देती है तरानों को उम्मीदों कि लहर आस देती है अफसानों को इशारों कि सुबह मुस्कान देती है कदमों को परख देती है।
दास्तानों को अफसानों कि अल्फाज पुकार देती है आवाजों को कदमों कि आहट सौगात देती है किनारों को आशाओं कि किरण तराने देती है लहरों को राहों कि कोशिश दिशाएं देती है अंदाजों को उजालों कि कोशिश अदाएं देती है अल्फाजों को जज्बातों कि समझ तलाश देती है अरमानों को परख देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६६. कोशिश की कहानी अक्सर।

                              कोशिश की कहानी अक्सर। कोशिश की कहानी अक्सर अरमानों की पुकार सुनाती है दास्तानों को एहसासों की रोशनी सौगात दिला...