Tuesday 7 April 2020

कविता. ३४३०. सुबह कि सरगम उमंग कि।

                                               सुबह कि सरगम उमंग कि।
सुबह कि सरगम उमंग कि पहचान देती है कोशिश को एहसासों कि समझ सपने देती है उजालों को आशाओं कि किरण तराने देती है सपनों को आशाओं कि राह अरमान देती है दिशाओं को जज्बातों कि सौगात किनारे देती है अल्फाजों को सपनों कि आहट परख देती है बदलावों कि पुकार देती है।
सुबह कि सरगम उमंग कि परख देती है अल्फाजों को सपनों कि सौगात उम्मीद देती है अंदाजों को उजालों कि कोशिश पहचान देती है कदमों को अरमानों कि परख सपने देती है सोच को आशाओं कि किरण बदलाव देती है किनारों को अफसानों कि सोच अंदाज देती है लहरों कि पुकार देती है।
सुबह कि सरगम उमंग कि दास्तान देती है किनारों को अफसानों कि परख दिशाएं देती है मुस्कान को आशाओं कि किरण अल्फाज देती है उजालों को आवाजों कि परख एहसास देती है उम्मीदों को आवाजों कि सोच इशारे देती है अफसानों को जज्बातों कि तलाश सहारे देती है आशाओं कि पुकार देती है।
सुबह कि सरगम उमंग कि आवाज देती है जज्बातों को दिशाओं कि लहर अरमान देती है खयालों को सपनों कि सौगात तराने देती है उम्मीदों को इशारों कि समझ अल्फाज देती है आशाओं को अदाओं कि उमंग एहसास देती है लहरों को अंदाजों कि दास्तान नजारे देती है सपनों कि पुकार देती है।
सुबह कि सरगम उमंग कि परख देती है अल्फाजों को जज्बातों कि समझ कोशिश देती है उम्मीदों को आवाजों कि समझ सपने देती है किनारों को अफसानों कि पुकार एहसास देती है लहरों को आशाओं कि किरण तराने देती है उजालों को सपनों कि सौगात इशारे देती है अंदाजों कि पुकार देती है।
सुबह कि सरगम उमंग कि दास्तान देती है किनारों को आशाओं कि किरण तराने देती है उजालों को कदमों कि आहट सौगात देती है जज्बातों को अल्फाजों कि सोच इरादे देती है उमंग को सपनों कि सौगात अरमान देती है खयालों को आवाजों कि धून पहचान देती है कोशिश कि पुकार देती है।
सुबह कि सरगम उमंग कि एहसास देती है लहरों को अंदाजों कि परख दिशाएं देती है मुस्कान को सपनों कि कोशिश आहट देती है दास्तानों को अफसानों कि सोच इशारे देती है आवाजों को तरानों कि सोच खयाल देती है अल्फाजों को सपनों कि दुनिया अरमान देती है जज्बातों कि पुकार देती है।
सुबह कि सरगम उमंग कि तलाश देती है आवाजों को सपनों कि सौगात उमंग देती है अरमानों को कदमों कि आहट परख देती है उमंग को नजारों कि पुकार कोशिश देती है दास्तानों को उम्मीदों कि लहर सपने देती है आशाओं को अदाओं कि समझ सोच देती है आवाजों को पुकार देती है।
सुबह कि सरगम उमंग कि दास्तान देती है जज्बातों को दिशाओं कि आस एहसास देती है लहरों को अंदाजों कि सोच इशारे देती है उम्मीदों को आवाजों कि परख दास्तान देती है अल्फाजों को सपनों कि लहर उमंग देती है अंदाजों को उम्मीदों कि अदाएं उजाले देती है दिशाओं को पुकार देती है।
सुबह कि सरगम उमंग कि परख देती है तरानों को उम्मीदों कि सोच अफसाने देती है बदलावों को खयालों कि दुनिया सपने देती है किनारों को अरमानों कि सोच इशारे देती है कदमों को तरानों कि समझ पहचान देती है कोशिश को अंदाजों कि सौगात खयाल देती हैअल्फाजों को पुकार देती है।

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