Wednesday 1 April 2020

कविता. ३४१८. सरगम को लम्हों कि पहचान।

                                           सरगम को लम्हों कि पहचान।
सरगम को लम्हों कि पहचान अदाएं देती है दास्तानों को अफसानों कि समझ सहारे देती है दिशाओं को बदलावों कि आस किनारे देती है नजारों को अल्फाजों कि सोच इशारे देती है अंदाजों को अरमानों कि समझ सपने देती है तरानों को लहरों कि उमंग जज्बात देती है दास्तानों को अफसानों कि सोच इशारे देती है कदमों को आशाओं कि रोशनी देती है।
सरगम को लम्हों कि पहचान राहे देती है दिशाओं को बदलावों कि आस किनारे देती है तरानों को आवाजों कि धून सरगम देती है एहसासों को दास्तानों कि समझ सपने देती है अदाओं को कदमों कि आहट सौगात देती है खयालों को कदमों कि सौगात सहारे देती है लहरों को अल्फाजों कि परख एहसास देती है जज्बातों को आशाओं कि रोशनी देती है।
सरगम को लम्हों कि पहचान इशारे देती है अंदाजों को कदमों कि सौगात सरगम देती है राहों को तरानों कि पुकार एहसास देती है कदमों को अफसानों कि समझ सहारे देती है दिशाओं को बदलावों कि आस समझ देती है दास्तानों को अल्फाजों कि सोच परख देती है जज्बातों को आवाजों कि धून सरगम देती है सपनों को आशाओं कि रोशनी देती है।
सरगम को लम्हों कि पहचान इरादे देती है तरानों को आवाजों कि धून पुकार देती है कदमों को अफसानों कि सुबह एहसास देती है दिशाओं को बदलावों कि आस किनारे देती है राहों को अल्फाजों कि सोच सहारे देती है उजालों को खयालों कि मेहफिल पुकार देती है सपनों को मुस्कान कि दुनिया दास्तान देती है अंदाजों को आशाओं कि रोशनी देती है।
सरगम को लम्हों कि पहचान तराने देती है नजारों को अंदाजों कि मुस्कान राह देती है दिशाओं को बदलावों कि आस अरमान देती है दास्तानों को अल्फाजों कि सोच सहारे देती है अंदाजों को कदमों कि आहट परख देती है दिशाओं को बदलावों कि आस सपने देती है अंदाजों को कदमों कि आहट आस देती है किनारों को आशाओं कि रोशनी देती है।
सरगम को लम्हों कि पहचान दास्ताने देती है जज्बातों को लहरों कि उमंग इशारे देती है तरानों को आवाजों कि धून पुकार देती है किनारों को नजारों कि सुबह उम्मीदे देती है रोशनी को एहसासों कि पुकार सहारे देती है दास्तानों को अल्फाजों कि समझ सरगम देती है एहसासों को दिशाओं कि सोच परख देती है खयालों को आशाओं कि रोशनी देती है।
सरगम को लम्हों कि पहचान इशारे देती है दिशाओं को बदलावों कि आस सरगम देती है खयालों को कदमों कि आहट सौगात देती है अदाओं को तरानों कि पुकार आवाज देती है आशाओं को नजारों कि समझ परख देती है दिशाओं को अरमानों कि सरगम धून देती है जज्बातों को लहरों कि उमंग इशारे देती है दास्तानों को आशाओं कि रोशनी देती है।
सरगम को लम्हों कि पहचान राहे देती है दास्तानों को अफसानों कि समझ अल्फाज देती है किनारों को लहरों कि उमंग इशारे देती है अंदाजों को कदमों कि आहट सौगात देती है सरगम को खयालों कि समझ सहारे देती है दास्तानों को अल्फाजों कि सोच सहारे देती है अदाओं को अरमानों कि समझ सपने देती है अंदाजों को आशाओं कि रोशनी देती है।
सरगम को लम्हों कि पहचान जज्बात देती है अंदाजों को अरमानों कि सुबह उम्मीदे देती है उजालों को बदलावों कि आस परख देती है लहरों को अफसानों कि समझ पुकार देती है कदमों को तरानों कि पुकार सरगम देती है दिशाओं को सुबह कि उम्मीद देती है लहरों को अल्फाजों कि सोच इरादे देती है दास्तानों को आशाओं कि रोशनी देती है।
सरगम को लम्हों कि पहचान तराने देती है कदमों को परख कि धाराएं सरगम देती है उम्मीदों को जज्बातों कि तलाश पहचान देती है दिशाओं को बदलावों कि आस अरमान देती है दास्तानों को अल्फाजों कि सोच एहसास देती है अंदाजों को अल्फाजों कि सोच सहारे देती है खयालों को कदमों कि आहट सौगात देती है दिशाओं को आशाओं कि रोशनी देती है।

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