Friday 3 April 2020

कविता. ३४२२. दास्तानों को उम्मीदों कि।

                                                 दास्तानों को उम्मीदों कि।
दास्तानों को उम्मीदों कि पहचान सुबह देती है कदमों को सपनों कि परख किनारे देती है राहों को आशाओं कि पुकार सौगात देती है किनारों को अफसानों कि सोच दिशाएं देती है मुस्कान को सपनों कि किरण इशारे देती है कदमों को अरमानों कि सोच सहारे देती है कदमों से आशाओं कि राहे देती है।
दास्तानों को उम्मीदों कि पुकार किनारे देती है खयालों को आशाओं कि किरण एहसास देती है लहरों को अंदाजों कि सोच इशारे देती है आवाजों को कदमों कि परख दिशाएं देती है जज्बातों को दिशाओं कि समझ कोशिश देती है अदाओं को सपनों कि राह सरगम देती है उमंग से आशाओं कि राहे देती है।
दास्तानों को उम्मीदों कि समझ लहर देती है सपनों को कदमों कि पुकार लहरे देती है किनारों को अफसानों कि परख एहसास देती है उजालों को सपनों कि सोच इशारे देती है कदमों को अरमानों कि पुकार सरगम देती है सपनों को जज्बातों कि सौगात अहमियत देती है नजारों  को आशाओं कि राहे देती है।
दास्तानों को उम्मीदों कि परख दिशाएं देती है उजालों को अंदाजों कि सोच इशारे देती है आवाजों को सरगम कि समझ धून देती है आशाओं को अदाओं कि पुकार किनारे देती है जज्बातों कि सौगात अहमियत देती है नजारों को अफसानों कि परख दिशाएं देती है मुस्कान को आशाओं कि राहे देती है।
दास्तानों को उम्मीदों कि कोशिश अदाएं देती है आशाओं को दिशाओं कि लहर परख देती है अल्फाजों को सपनों कि पुकार इशारे देती है किनारों को अफसानों कि परख दास्तान देती है किनारों कि सोच इशारे देती है एहसासों को सपनों कि परख अदाएं देती है किनारों को आशाओं कि राहे देती है।
दास्तानों को उम्मीदों कि लहर परख देती है जज्बातों को लहरों कि पहचान दास्तान देती है कदमों को अरमानों कि सोच सहारे देती है आशाओं को उजालों कि कोशिश दिशाएं देती है मुस्कान को सपनों कि परख दिशाएं देती है अल्फाजों को जज्बातों कि सौगात किनारे देती है आवाजों को आशाओं कि राहे देती है।
दास्तानों को उम्मीदों कि अदाएं सरगम देती है अफसानों को राहों कि कोशिश दिशाएं देती है अरमानों को कदमों कि पुकार खयाल देती है परख को अंदाजों कि सोच इशारे देती है अदाओं को तरानों कि सोच इशारे देती है अंदाजों को उम्मीदों कि तलाश सहारे देती है जज्बातों को आशाओं कि राहे देती है।
दास्तानों को उम्मीदों कि समझ सुबह देती है कदमों को तरानों कि पुकार आस देती है किनारों को आवाजों कि परख आस देती है अरमानों को सपनों कि रोशनी परख देती है बदलावों को खयालों कि सोच इशारे देती है किनारों को अफसानों कि पुकार आस देती है सपनों को आशाओं कि राहे देती है।
दास्तानों को उम्मीदों कि लहर परख देती है आवाजों को सपनों कि अरमान देती है कदमों को आशाओं कि किरण तराने देती है उजालों को तरानों कि सोच इशारे देती है अंदाजों को बदलावों कि समझ सुबह देती है राहों को अफसानों कि परख दिशाएं देती है अल्फाजों को  आशाओं कि राहे देती है।
दास्तानों को उम्मीदों कि समझ तलाश देती है लहरों को अंदाजों कि सोच इशारे देती है बदलावों को सपनों कि लहर सोच देती है आवाजों को लहरों कि समझ कोशिश देती है नजारों को अदाओं कि पुकार नजारे देती है सपनों को जज्बातों कि सौगात उम्मीद देती है उजालों को आशाओं कि राहे देती है।

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