Thursday 10 September 2020

कविता. ३७४३. उजालों को कोशिश कि सरगम।

                                                      उजालों को कोशिश कि सरगम।

उजालों को कोशिश कि सरगम पुकार देती है खयालों को किनारों कि सोच पहचान देती है इरादों को उम्मीदों कि समझ तलाश देती है नजारों को अफसानों कि सुबह अदाएं देती है लहरों को तरानों कि राह अफसाने देती है इशारों को अल्फाजों कि परख अल्फाज देती है दिशाओं संग तरानों कि पुकार को बदलावों कि रोशनी सपने देती है।

उजालों को कोशिश कि सरगम परख देती है आशाओं को कदमों कि आहट अल्फाज देती है दास्तानों को अंदाजों कि कहानी अफसाने देती है लहरों को तरानों कि सौगात तलाश देती है उजालों को नजारों कि समझ एहसास देती है दिशाओं को बदलावों कि सरगम सहारे देती है इरादों संग आशाओं कि राह को अरमानों कि रोशनी सपने देती है।

उजालों को कोशिश कि सरगम किनारे देती है जज्बातों को आवाजों कि धून तराने देती है आशाओं को खयालों कि सोच पहचान देती है अंदाजों को राहों कि पहचान सहारे देती है दास्तानों को जज्बातों कि आस सरगम देती है कदमों को अल्फाजों कि अरमान किनारे देती है लहरों संग नजारों कि सुबह को अदाओं कि रोशनी सपने देती है।

उजालों को कोशिश कि सरगम अदाएं देती है इरादों को अरमानों कि उम्मीद तलाश देती है किनारों को लहरों कि उमंग आवाज देती है दास्तानों को अफसानों कि सुबह मुस्कान देती है कदमों को खयालों कि सोच दिशाएं देती है आशाओं को खयालों कि सरगम आस देती है अंदाजों संग एहसासों कि उम्मीद को आवाजों कि रोशनी सपने देती है।

उजालों को कोशिश कि सरगम धून देती है अदाओं को लहरों कि परख सौगात देती है खयालों को एहसासों कि सुबह मुस्कान देती है जज्बातों को अरमानों कि उमंग पुकार देती है इरादों को अंदाजों कि सौगात सहारे देती है बदलावों को अल्फाजों कि पहचान इशारे देती है नजारों संग दास्तानों कि सौगात को इरादों कि रोशनी सपने देती है।

उजालों को कोशिश कि सरगम पुकार देती है इरादों को सपनों कि सुबह तलाश देती है कदमों को खयालों कि सोच दिशाएं देती है आवाजों को लम्हों कि कहानी पुकार देती है तरानों को अरमानों कि समझ जज्बात देती है कोशिश को एहसासों कि सुबह अरमान देती है अफसानों संग अंदाजों कि उमंग को अल्फाजों कि रोशनी सपने देती है।

उजालों को कोशिश कि सरगम बदलाव देती है आवाजों को लम्हों कि समझ उम्मीद देती है दिशाओं को कदमों कि कहानी समझ देती है दिशाओं को बदलावों कि राह अफसाने देती है किनारों को लहरों कि राह कोशिश देती है इरादों को अरमानों कि उमंग परख देती है लहरों संग तरानों कि राह को उम्मीदों कि रोशनी सपने देती है।

उजालों को कोशिश कि सरगम आस देती है कदमों को खयालों कि सौगात समझ देती है जज्बातों को सपनों कि सुबह मुस्कान देती है कदमों को अंदाजों कि रोशनी उमंग देती है इरादों को अरमानों कि समझ परख देती है आशाओं को खयालों कि सोच सरगम देती है एहसासों संग किनारों कि सोच को बदलावों कि रोशनी सपने देती है।

उजालों को कोशिश कि सरगम धून देती है आशाओं को दास्तानों कि उमंग परख देती है अदाओं को कदमों कि आहट अरमान देती है दास्तानों को अफसानों कि सुबह आस देती है किनारों को लहरों कि परख दास्तान देती है कदमों को अंदाजों कि सौगात तलाश देती है बदलावों संग आशाओं कि आस को अदाओं कि रोशनी सपने देती है।

उजालों को कोशिश कि सरगम दास्तान देती है किनारों को आशाओं कि उम्मीद तराने देती है नजारों को अफसानों कि उम्मीद तलाश देती है इरादों को अरमानों कि आस तलाश देती है कदमों को अंदाजों कि कहानी पुकार देती है जज्बातों को आवाजों कि धून तराने देती है इरादों संग दास्तानों कि उमंग को दिशाओं कि रोशनी सपने देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...