Tuesday 22 September 2020

कविता. ३७६७. उजालों से जुडकर।

                                                               उजालों से जुडकर।

उजालों से जुडकर एहसासों कि पहचान इशारे देती है दास्तानों को आशाओं कि उम्मीद तलाश देती है किनारों को आवाजों कि धून तराने देती है जज्बातों को अरमानों कि उमंग पुकार देती है लहरों को अफसानों कि कहानी परख देती है इरादों को खयालों कि सोच सरगम देती है कदमों को सपनों कि सुबह संग दास्तानों कि दुनिया आस देती है।

उजालों से जुडकर सपनों कि सुबह आवाज देती है तरानों को खयालों कि सोच सरगम देती है आशाओं को नजारों कि समझ मुस्कान देती है कोशिश को अल्फाजों कि परख पहचान देती है जज्बातों को आवाजों कि धून अरमान देती है अफसानों को नजारों कि उम्मीद तलाश देती है किनारों को आशाओं कि कोशिश संग इरादों कि दुनिया आस देती है।

उजालों से जुडकर किनारों कि उम्मीद तलाश देती है कोशिश को अल्फाजों कि परख सौगात देती है अदाओं को लहरों कि सरगम पुकार देती है अफसानों को कदमों कि आहट अरमान देती है किनारों को सपनों कि सुबह पुकार देती है इरादों को अंदाजों कि रोशनी परख देती है आवाजों को लम्हों कि कहानी संग आशाओं कि दुनिया आस देती है।

उजालों से जुडकर रोशनी कि आहट मुस्कान देती है इरादों को अरमानों कि समझ तराने देती है दास्तानों को अफसानों कि सुबह किनारे देती है दिशाओं को बदलावों कि उम्मीद तलाश देती है कदमों को खयालों कि सौगात कोशिश देती है जज्बातों को अरमानों कि उमंग पुकार देती है अंदाजों को राहों कि तलाश संग आवाजों कि दुनिया आस देती है।

उजालों से जुडकर एहसासों कि राह अरमान देती है कोशिश को अंदाजों कि रोशनी उमंग देती है दिशाओं को बदलावों कि राह अफसाने देती है अल्फाजों को कदमों कि आहट इशारे देती है किनारों को लहरों कि पहचान परख देती है खयालों को लहरों कि उम्मीद तराने देती है अरमानों को दास्तानों कि सौगात संग तरानों कि दुनिया आस देती है।

उजालों से जुडकर जज्बातों कि समझ लहरे देती है इशारों को अल्फाजों कि परख सौगात देती है रोशनी को जज्बातों कि सरगम पुकार देती है किनारों को आशाओं कि उम्मीद बदलाव देती है दास्तानों को अफसानों कि सोच दिशाएं देती है अदाओं को कदमों कि आहट अरमान देती है आवाजों को लम्हों कि उमंग संग जज्बातों कि दुनिया आस देती है।

उजालों से जुडकर आशाओं कि उम्मीद तलाश देती है दिशाओं को बदलावों कि कहानी कोशिश देती है राहों को नजारों कि उमंग तराने देती है एहसासों को जज्बातों कि आस अहमियत देती है आवाजों को लम्हों कि कोशिश पुकार देती है दिशाओं को बदलावों कि कहानी परख देती है अंदाजों को खयालों कि समझ संग अदाओं कि दुनिया आस देती है।

उजालों से जुडकर अंदाजों कि रोशनी उमंग देती है इरादों को कोशिश कि सरगम पुकार देती है दिशाओं को बदलावों कि राह अफसाने देती है दिशाओं को लहरों कि उम्मीद तराने देती है नजारों को अरमानों कि कोशिश धून देती है आवाजों को लम्हों कि दास्तान आस देती है इरादों को जज्बातों कि सुबह संग अल्फाजों कि दुनिया आस देती है।

उजालों से जुडकर कोशिश कि सरगम धून देती है आशाओं को खयालों कि समझ अदाएं देती है दास्तानों को किनारों कि कहानी पुकार देती है इरादों को अरमानों कि उमंग परख देती है आवाजों को लम्हों कि उम्मीद तलाश देती है तरानों को सपनों कि सुबह सरगम देती है इशारों को अल्फाजों कि परख संग दिशाओं कि दुनिया आस देती है।

उजालों से जुडकर दास्तानों कि सौगात उमंग देती है अरमानों को कदमों कि आहट अल्फाज देती है अंदाजों को राहों कि तलाश अल्फाज देती है आशाओं को सपनों कि सुबह मुस्कान देती है किनारों को लहरों कि परख सौगात देती है कोशिश को अदाओं कि सुबह मुस्कान देती है दिशाओं को बदलावों कि उम्मीद संग आशाओं कि दुनिया आस देती है।


No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...