Tuesday 29 September 2020

कविता. ३७८१. उजालों से जुडकर एहसासों कि।

                                                           उजालों से जुडकर एहसासों कि।

उजालों से जुडकर एहसासों कि कोशिश सुबह देती है दिशाओं को बदलावों कि उम्मीद तलाश देती है किनारों को आशाओं कि कहानी पुकार देती है अरमानों को कदमों कि आहट अल्फाज देती है खयालों को लहरों कि सुबह मुस्कान देती है कदमों को अंदाजों कि रोशनी तलाश देती है बदलावों को अदाओं कि सौगात परख देती है इरादों को अंदाजों कि आस देती है।

उजालों से जुडकर एहसासों कि समझ पुकार देती है दास्तानों को आशाओं कि कहानी बदलाव देती है कदमों को खयालों कि सोच सरगम देती है रोशनी को अल्फाजों कि परख सौगात देती है अरमानों को किनारों कि समझ लहरे देती है जज्बातों को आवाजों कि धून तराने देती है आशाओं को दास्तानों कि उमंग पहचान देती है तरानों को सपनों कि आस देती है।

उजालों से जुडकर एहसासों कि उम्मीद तराने देती है नजारों को अरमानों कि उमंग पहचान देती है जज्बातों को आवाजों कि धून अफसाना देती है बदलावों को अदाओं कि सुबह कोशिश देती है दिशाओं को आशाओं कि उमंग परख देती है दास्तानों को अफसानों कि कोशिश पुकार देती है लहरों को तरानों कि राह अदाएं देती है दास्तानों को आशाओं कि आस देती है।

उजालों से जुडकर एहसासों कि उमंग परख देती है इशारों को अल्फाजों कि कोशिश पुकार देती है किनारों को रोशनी कि सुबह मुस्कान देती है अफसानों को दिशाओं कि उम्मीद तराने देती है दास्तानों को अफसानों कि कहानी पुकार देती है किनारों को लहरों कि उमंग तलाश देती है कदमों को अंदाजों कि रोशनी उमंग देती है कदमों को खयालों कि आस देती है।

उजालों से जुडकर एहसासों कि कोशिश धून देती है इरादों को अंदाजों कि उम्मीद तराने देती है दास्तानों को आशाओं कि उमंग पहचान देती है इरादों को अरमानों कि सरगम धून देती है आवाजों को सपनों कि सुबह मुस्कान देती है तरानों को अरमानों कि समझ अहमियत देती है दिशाओं को बदलावों कि सुबह सरगम देती है आवाजों को लम्हों कि आस देती है।

उजालों से जुडकर एहसासों कि समझ अदाएं देती है जज्बातों को किनारों कि सोच दिशाएं देती है कोशिश को अल्फाजों कि परख सुबह देती है दिशाओं को बदलावों कि रोशनी पहचान देती है कदमों को अंदाजों कि राह अफसाने देती है खयालों को किनारों कि सोच सरगम देती है इरादों को अंदाजों कि रोशनी उमंग देती है अंदाजों को सपनों कि आस देती है।

उजालों से जुडकर एहसासों कि उम्मीद तराने देती है कदमों को खयालों कि सौगात आस देती है दिशाओं को बदलावों कि राह अफसाने देती है आशाओं को लहरों कि उम्मीद अरमान देती है इरादों को सपनों कि सुबह मुस्कान देती है नजारों को अल्फाजों कि परख सौगात देती है आवाजों को लम्हों कि उम्मीद तलाश देती है कदमों को लहरों कि आस देती है।

उजालों से जुडकर एहसासों कि उमंग परख देती है आवाजों को लम्हों कि उम्मीद कोशिश देती है दास्तानों को अरमानों कि समझ सौगात देती है इरादों को अंदाजों कि रोशनी उमंग देती है किनारों को आशाओं कि कहानी परख देती है आशाओं को खयालों कि सोच दिशाएं देती है बदलावों को दास्तानों कि आहट अरमान देती है अदाओं को किनारों कि आस देती है।

उजालों से जुडकर एहसासों कि कोशिश पुकार देती है दिशाओं को बदलावों कि उमंग परख देती है तरानों को खयालों कि सोच सरगम देती है इशारों को नजारों कि कहानी पहचान देती है लहरों को अफसानों कि सुबह मुस्कान देती है आवाजों को लम्हों कि उमंग परख देती है अंदाजों को कोशिश कि सरगम धून देती है इरादों को दास्तानों कि आस देती है।

उजालों से जुडकर एहसासों कि कहानी कोशिश देती है आशाओं को सपनों कि राह अफसाने देती है कदमों को अंदाजों कि रोशनी बदलाव देती है किनारों को आवाजों कि उम्मीद तलाश देती है खयालों को किनारों कि सोच सरगम देती है एहसासों को अल्फाजों कि परख सौगात देती है आशाओं को सपनों कि राह तलाश देती है अंदाजों को बदलावों कि आस देती है।





No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...