Sunday 7 June 2020

कविता. ३५५२. हर इशारे को सपनों कि सुबह।

                                              हर इशारे को सपनों कि सुबह।
हर इशारे को सपनों कि सुबह मुस्कान देती है अंदाजों को कदमों कि आहट अल्फाज देती है दास्तानों को अफसानों कि समझ लहरे देती है आवाजों को लम्हों कि उमंग परख देती है आशाओं को दास्तानों कि सौगात उजाले देती है लहरों को तरानों कि आस पहचान देती है किनारों को समझ देती है।
हर इशारे को सपनों कि सुबह सरगम देती है आशाओं को खयालों कि सोच दिशाएं देती है अंदाजों को लहरों कि उम्मीद तलाश देती है जज्बातों को अरमानों कि परख कोशिश देती है दिशाओं को बदलावों कि सोच परख देती है दास्तानों को अफसानों कि समझ दास्तान देती है तरानों को समझ देती है।
हर इशारे को सपनों कि सुबह कोशिश देती है इरादों को अल्फाजों कि परख अदाएं देती है दास्तानों को अफसानों कि उमंग पुकार देती है दिशाओं को बदलावों कि सौगात उजाले देती है उमंग को अल्फाजों कि पुकार सौगात देती है राहों को नजारों कि सरगम धून देती है कदमों को समझ देती है।
हर इशारे को सपनों कि सुबह आस देती है अरमानों को खयालों कि उमंग सोच देती है इरादों को अंदाजों कि सरगम एहसास देती है आशाओं को दास्तानों कि उम्मीद तलाश देती है जज्बातों को अरमानों कि उमंग परख देती है आवाजों को लम्हों कि सौगात अदाएं देती है नजारों को समझ देती है।
हर इशारे को सपनों कि सुबह आवाज देती है किनारों को आशाओं कि उम्मीद तलाश देती है दिशाओं को बदलावों कि सौगात उजाले देती है लहरों को अफसानों कि कहानी पुकार देती है किनारों को अदाओं कि आस पुकार देती है कदमों को खयालों कि सोच दिशाएं देती है आवाजों को समझ देती है।
हर इशारे को सपनों कि सुबह जज्बात देती है इरादों को कदमों कि आहट अल्फाज देती है अफसानों को नजारों कि सोच दिशाएं देती है आवाजों को लम्हों कि परख सौगात देती है अंदाजों को लहरों कि उम्मीद तलाश देती है जज्बातों को किनारों कि पहचान सहारे देती है आशाओं को समझ देती है।
हर इशारे को सपनों कि सुबह परख देती है दास्तानों को अफसानों कि कोशिश पुकार देती है तरानों को खयालों कि सरगम धून देती है आशाओं को अरमानों कि समझ परख देती है इरादों को अफसानों कि राह सौगात देती है किनारों को लहरों कि सरगम कोशिश देती है अंदाजों को समझ देती है।
हर इशारे को सपनों कि सुबह कोशिश देती है तरानों को अरमानों कि उम्मीद तलाश देती है राहों को एहसासों कि आस खयाल देती है इरादों को अफसानों कि कहानी कोशिश देती है दास्तानों को अल्फाजों कि परख दिशाएं देती है नजारों को अंदाजों कि राह अफसाने देती है आवाजों को समझ देती है।
हर इशारे को सपनों कि सुबह मुस्कान देती है इरादों को अल्फाजों कि परख सौगात देती है अदाओं को जज्बातों कि सरगम तलाश देती है अंदाजों को लहरों कि उम्मीद पुकार देती है कदमों को खयालों कि सोच अदाएं देती है दास्तानों को अरमानों कि उमंग पहचान देती है किनारों को समझ देती है।
हर इशारे को सपनों कि सुबह सरगम देती है दास्तानों को अफसानों कि राह पुकार देती है कदमों को अरमानों कि तलाश अल्फाज देती है आवाजों को लम्हों कि उमंग परख देती है अंदाजों को लहरों कि उम्मीद तराने देती है दिशाओं को बदलावों कि सौगात उजाले देती है उजालों को समझ देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६६. कोशिश की कहानी अक्सर।

                              कोशिश की कहानी अक्सर। कोशिश की कहानी अक्सर अरमानों की पुकार सुनाती है दास्तानों को एहसासों की रोशनी सौगात दिला...