Wednesday 1 January 2020

कविता. ३३३६. हर लम्हा कोई कोशिश इशारों संग।

                                              हर लम्हा कोई कोशिश इशारों संग।
हर लम्हा कोई कोशिश इशारों संग मुस्कान देती है एहसासों को नजारों कि आहट अरमान देती है दिशाओं को जज्बातों कि पहचान उजाले देती है कोशिश को आशाओं कि निशानी तलाश देती है लहरों को बदलावों कि समझ अफसाने देती है आवाजों को एहसासों कि सोच सहारे देती है आशाओं को कदमों कि सौगात सहारे देती है दास्तानों को लहरों कि उमंग देती है।
हर लम्हा कोई कोशिश इशारों संग अरमान देती है खयालों को बदलावों कि सुबह उजाले देती है उम्मीदों को किनारों कि समझ नजारे देती है दास्तानों को अफसानों कि सरगम पुकार देती है अंदाजों को जज्बातों कि सोच सहारे देती है अरमानों को कदमों कि सौगात तराने देती है दिशाओं को अफसानों कि समझ खयाल देती है दिशाओं को लहरों कि उमंग देती है।
हर लम्हा कोई कोशिश इशारों संग अल्फाज देती है दिशाओं को अफसानों कि समझ पुकार देती है राहों को बदलावों कि सुबह तराने देती है नजारों को अंदाजों कि समझ परख देती है अरमानों को आवाजों कि धून सरगम देती है दास्तानों को अल्फाजों कि सोच सहारे देती है लहरों को किनारों कि आस इरादे देती है अंदाजों को लहरों कि उमंग देती है।
हर लम्हा कोई कोशिश इशारों संग आस देती है आशाओं को कदमों कि आहट तलाश देती है किनारों को एहसासों कि सोच खयाल देती है अदाओं को दास्तानों कि समझ सहारे देती है दिशाओं को अल्फाजों कि सोच सरगम देती है अंदाजों को नजारों कि परख अरमान देती है आवाजों को जज्बातों कि सोच तलाश देती है किनारों को लहरों कि उमंग देती है।
हर लम्हा कोई कोशिश इशारों संग अरमान देती है अदाओं को किनारों कि परख आस देती है दिशाओं को बदलावों कि सुबह उजाले देती है रोशनी को उम्मीदों कि निशानी खयाल देती है आवाजों को तरानों कि सोच पुकार देती है उजालों को जज्बातों कि सोच पुकार देती है आशाओं को कदमों कि आहट सौगात देती है राहों को लहरों कि उमंग देती है।
हर लम्हा कोई कोशिश इशारों संग अल्फाज देती है कदमों को आशाओं कि निशानी राह देती है दास्तानों को अफसानों कि लहर अरमान देती है जज्बातों को मुस्कान कि तलाश सहारे देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश इरादे देती है आशाओं को दिशाओं कि परख लहर देती है किनारों को अफसानों कि सोच खयाल देती है अदाओं को लहरों कि उमंग देती है।
हर लम्हा कोई कोशिश इशारों संग अंदाज देती है दिशाओं को तरानों कि पुकार धून देती है किनारों को खयालों कि समझ अफसाने देती है दास्तानों को नजारों कि समझ सुबह देती है राहों को अफसानों कि सोच उजाले देती है अरमानों को जज्बातों कि सोच इशारे देती है अदाओं को कोशिश कि पहचान अदाएं देती है उम्मीदों को लहरों कि उमंग देती है।
हर लम्हा कोई कोशिश इशारों संग परख देती है अंदाजों को अफसानों कि सोच पुकार देती है अदाओं को नजारों कि तलाश इरादे देती है दिशाओं को अल्फाजों कि सोच सरगम देती है अंदाजों को नजारों कि समझ तराने देती है आशाओं को दास्तानों कि परख खयाल देती है कदमों को अफसानों कि समझ सुबह देती है दिशाओं को लहरों कि उमंग देती है।
हर लम्हा कोई कोशिश इशारों संग अल्फाज देती है आशाओं को जज्बातों कि कोशिश परख देती है राहों को बदलावों कि सुबह उम्मीदे देती है अदाओं को नजारों कि तलाश सहारे देती है राहों को आवाजों कि धून सरगम देती है खयालों को नजारों कि समझ सहारे देती है अदाओं को किनारों कि अहमियत दास्तान देती है आवाजों को लहरों कि उमंग देती है।
हर लम्हा कोई कोशिश इशारों संग आस देती है दिशाओं को अरमानों कि राह खयाल देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश अफसाने देती है आशाओं को जज्बातों कि सोच परख देती है कदमों को अफसानों कि समझ सुबह देती है तरानों को आवाजों कि धून सरगम देती है आशाओं को लहरों कि उमंग इरादे देती है बदलावों को लहरों कि उमंग देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...