Thursday 2 January 2020

कविता. ३३३८. अफसानों कि समझ सुबह के।

                                                 अफसानों कि समझ सुबह के।
अफसानों कि समझ सुबह के उजाले देती है रोशनी को जज्बातों कि सोच पुकार देती है दिशाओं को अंदाजों कि कोशिश पहचान देती है दिशाओं को अरमानों कि तलाश इरादे देती है अंदाजों को लहरों कि उमंग इशारे देती है अदाओं को किनारों कि लहर आस देती है खयालों को उजालों कि रोशनी किनारे देती है कदमों को आशाओं कि निशानी सरगम देती है।
अफसानों कि समझ सुबह कि उम्मीदे देती है दिशाओं को दास्तानों कि परख खयाल देती है कदमों को आशाओं कि जज्बात पुकार देती है कोशिश को लम्हों कि सुबह तलाश देती है जज्बातों को अल्फाजों कि सोच सहारे देती है अरमानों को नजारों कि सोच सहारे देती है किनारों को लहरों कि उमंग उम्मीदे देती है अंदाजों को नजारों कि निशानी सरगम देती है।
अफसानों कि समझ सुबह के तराने देती है नजारों को लहरों कि उमंग उम्मीद देती है किनारों को तरानों कि सोच सहारे देती है दास्तानों को अफसानों कि समझ सहारे देती है अरमानों को कदमों कि आहट अफसाने देती है दिशाओं को बदलावों कि कोशिश परख देती है नजारों को अंदाजों कि सुबह उजाले देती है दास्तानों को तरानों कि निशानी सरगम देती है।
अफसानों कि समझ सुबह के नजारे देती है दास्तानों को अफसानों कि परख दिशाएं देती है अंदाजों को जज्बातों कि मुस्कान कोशिश देती है आशाओं को लहरों कि सौगात इशारे देती है तरानों को जज्बातों कि सोच सहारे देती है लहरों को अरमानों कि तलाश इरादे देती है अदाओं को किनारों कि समझ सरगम देती है दिशाओं को बदलावों कि निशानी सरगम देती है।
अफसानों कि समझ सुबह के इशारे देती है अंदाजों को दिशाओं कि लहर उजाले देती है आशाओं को लहरों कि उमंग इशारे देती है तरानों को आवाजों कि पुकार सरगम देती है कदमों को अफसानों कि समझ सुबह देती है दिशाओं को अल्फाजों कि समझ सहारे देती है दास्तानों को अरमानों कि तलाश इरादे देती है लहरों को अल्फाजों कि निशानी सरगम देती है।
अफसानों कि समझ सुबह के इरादे देती है अदाओं को जज्बातों कि सोच परख देती है दिशाओं को बदलावों कि सुबह उजाले देती है दास्तानों को अल्फाजों कि सरगम धून देती है आवाजों को तरानों कि पुकार सहारे देती है अंदाजों को किनारों कि सोच इशारे देती है आवाजों को बदलावों कि पुकार सहारे देती है अंदाजों को जज्बातों कि निशानी सरगम देती है।
अफसानों कि समझ सुबह के उजाले देती है आशाओं को कदमों कि सौगात तलाश देती है अदाओं को किनारों कि समझ इशारे देती है खयालों को तरानों कि सोच किनारे देती है दिशाओं को अंदाजों कि कोशिश इरादे देती है नजारों को अल्फाजों कि तलाश इरादे देती है अदाओं को नजारों कि समझ सहारे देती है कदमों को आशाओं कि निशानी सरगम देती है।
अफसानों कि समझ सुबह के उम्मीदे देती है दास्तानों को तरानों कि पुकार किनारे देती है आवाजों को खयालों कि उमंग उजाले देती है रोशनी को बदलावों कि उमंग इशारे देती है अदाओं को नजारों कि तलाश सहारे देती है अंदाजों को अफसानों कि कोशिश देती है आवाजों को जज्बातों कि सोच परख देती है किनारों को लहरों कि निशानी सरगम देती है।
अफसानों कि समझ सुबह के तराने देती है दिशाओं को बदलावों कि सोच परख देती है अंदाजों को अरमानों कि तलाश इरादे देती है अंदाजों को नजारों कि सुबह उम्मीदे देती है दास्तानों को अल्फाजों कि समझ लहरे देती है कदमों को आशाओं कि निशानी देती है किनारों को खयालों कि आस समझ देती है राहों को अल्फाजों कि निशानी सरगम देती है।
अफसानों कि समझ सुबह के आस देती है तरानों को अरमानों कि कोशिश नजारे देती है दिशाओं को अल्फाजों कि सोच सहारे देती है दास्तानों को अल्फाजों कि समझ लहरे देती है कदमों को आशाओं कि निशानी आस देती है दिशाओं को बदलावों कि समझ देती है लहरों को राहों कि परख अदाएं देती है किनारों को जज्बातों कि निशानी सरगम देती है।

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