Wednesday 15 January 2020

कविता. ३३६३. हर लम्हा हर राह चुपके से।

                                                       हर लम्हा हर राह चुपके से।
हर लम्हा हर राह चुपके से निकलकर आती है खयालों को कदमों कि आहट अरमानों कि तलाश दिलाती है आशाओं को किनारों कि लहर अफसाने देती है कोशिश को अल्फाजों कि मुस्कान सहारे देती है दिशाओं को अरमानों कि कोशिश बदलाव देती है किनारों को जज्बातों कि लहर इशारे देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश इरादे देती है।
हर लम्हा हर राह चुपके से निकलकर आती है दास्तानों को अफसानों कि समझ आशाओं कि निशानी दिलाती है लहरों को बदलावों कि कोशिश परख देती है दिशाओं को अरमानों कि तलाश दास्ताने देती है किनारों को जज्बातों कि सोच किनारे देती है तरानों को आवाजों कि धून सरगम देती है खयालों को बदलावों कि सुबह इरादे देती है।
हर लम्हा हर राह चुपके से निकलकर आती है आशाओं को लहरों कि उमंग अल्फाजों कि समझ दिलाती है आवाजों को जज्बातों कि तलाश सहारे देती है अफसानों को खयालों कि सुबह उम्मीदे देती है दास्तानों को नजारों कि सौगात सहारे देती है किनारों को जज्बातों कि समझ इशारे देती है तरानों को एहसासों कि पुकार इरादे देती है।
हर लम्हा हर राह चुपके से निकलकर आती है अंदाजों को नजारों कि सोच दास्तानों कि परख दिलाती है अदाओं को कदमों कि आहट सरगम देती है जज्बातों को तरानों कि सोच आवाज देती है आशाओं को दिशाओं कि सुबह उजाले देती है रोशनी को बदलावों कि परख अल्फाज देती है एहसासों को अफसानों कि समझ इरादे देती है।
हर लम्हा हर राह चुपके से निकलकर आती है खयालों को बदलावों कि सौगात लहरों कि उमंग दिलाती है किनारों को आशाओं कि निशानी पहचान देती है अरमानों को कदमों कि आहट परख देती है कोशिश को अरमानों कि तलाश उम्मीदे देती है अंदाजों को जज्बातों कि मुस्कान सहारे देती है दिशाओं को बदलावों कि सोच इरादे देती है।
हर लम्हा हर राह चुपके से निकलकर आती है आशाओं को कदमों कि आहट आशाओं कि निशानी दिलाती है कदमों को अफसानों कि सोच सरगम देती है दास्तानों को अल्फाजों कि सोच सहारे देती है तरानों को आवाजों के एहसासों कि धून सरगम देती है तरानों को खयालों कि सुबह उजाले देती है लहरों को अफसानों कि कोशिश इरादे देती है।
हर लम्हा हर राह चुपके से निकलकर आती है दास्तानों को अदाओं कि सुबह दिशाओं कि सुबह दिलाती है अंदाजों को तरानों कि पुकार कोशिश देती है दिशाओं को अरमानों कि तलाश लहरे देती है अदाओं को नजारों के आशाओं कि निशानी आस देती है अफसानों को जज्बातों कि कोशिश परख देती है कदमों को अल्फाजों कि सोच इरादे देती है।
हर लम्हा हर राह चुपके से निकलकर आती है कदमों को जज्बातों कि सौगात तरानों कि पुकार दिलाती है अदाओं को लहरों कि उमंग उम्मीदे देती है अरमानों को आशाओं कि निशानी दास्ताने देती है दिशाओं को अफसानों कि सोच सरगम देती है खयालों को बदलावों कि सुबह उम्मीदे देती है जज्बातों को लहरों कि उमंग इरादे देती है।
हर लम्हा हर राह चुपके से निकलकर आती है किनारों को लहरों कि उमंग उम्मीदों कि निशानी दिलाती है तरानों को आवाजों कि धून सरगम देती है कदमों को अफसानों कि सुबह उजाले देती है नजारों को अंदाजों कि कोशिश परख देती है एहसासों को आशाओं कि निशानी पुकार देती है अरमानों को एहसासों कि कोशिश इरादे देती है।
हर लम्हा हर राह चुपके से निकलकर आती है दास्तानों को एहसासों कि पुकार किनारों कि कोशिश दिलाती है राहों को अफसानों कि समझ सुबह देती है दिशाओं को बदलावों कि समझ तराने देती है अंदाजों को दास्तानों कि सुबह के संग उम्मीदे देती है आवाजों को अरमानों कि कोशिश परख देती है अफसानों को खयालों कि सुबह इरादे देती है।

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