Friday 31 January 2020

कविता. ३३९६. हर रोशनी को पुकार कि।

                                                       हर रोशनी को पुकार कि।
हर रोशनी को पुकार कि तलाश इशारे देती है दिशाओं को बदलावों कि सुबह राहे देती है अंदाजों को कदमों कि आहट इरादे देती है आशाओं को लहरों कि सौगात सहारे देती है अरमानों को कदमों कि निशानी एहसास देती है जज्बातों को आवाजों कि पहचान तराने देती है उजालों कि सुबह संग किनारे देती है आवाजों को खयालों कि सौगात सहारे देती है।
हर रोशनी को पुकार कि सरगम धून देती है दास्तानों को अफसानों कि समझ अरमान देती है तरानों को आवाजों कि धून इशारे देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश परख देती है दिशाओं को बदलावों कि कोशिश सुबह देती है जज्बातों को अफसानों कि सुबह उम्मीदे देती है अदाओं कि कोशिश संग आस देती है राहों को अरमानों कि सौगात सहारे देती है।
हर रोशनी को पुकार कि आवाज आस देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश एहसास देती है दास्तानों को अफसानों कि सोच अदाएं देती है किनारों को सपनों कि आस आहट देती है तरानों को आवाजों कि धून सरगम देती है एहसासों को दिशाओं कि निशानी उजाले देती है दास्तानों कि परख संग जज्बात देती है अदाओं को कदमों कि सौगात सहारे देती है।
हर रोशनी को पुकार कि निशानी दिशाएं देती है आशाओं को किनारों कि लहर अदाएं देती है दिशाओं को बदलावों कि सरगम धून देती है आशाओं को कदमों कि आहट सौगात देती है नजारों को अंदाजों कि कोशिश परख देती है दास्तानों को अफसानों कि सोच सुबह देती है दिशाओं कि सोच संग मुस्कान देती है सपनों को आशाओं कि सौगात सहारे देती है।
हर रोशनी को पुकार कि आस तलाश देती है अदाओं को दिशाओं कि सुबह उम्मीदे देती है जज्बातों को कदमों कि आहट अरमान देती है आवाजों को खयालों कि समझ इशारे देती है किनारों को आशाओं कि निशानी राह देती है अंदाजों को नजारों कि समझ एहसास देती है अंदाजों कि दास्तान तलाश देती है राहों को दिशाओं कि सौगात सहारे देती है।
हर रोशनी को पुकार कि सरगम धून देती है दास्तानों को लहरों कि उमंग इशारे देती है आवाजों को राहों कि समझ सबेरा देती है दिशाओं को बदलावों कि सुबह उजाले देती है उम्मीदों को एहसासों कि रोशनी दास्ताने देती है किनारों को जज्बातों कि तलाश तराने देती है अरमानों कि सोच सपने देती है अंदाजों को नजारों कि सौगात सहारे देती है।
हर रोशनी को पुकार कि समझ उजाले देती है आशाओं को कदमों कि आहट आवाज देती है तरानों को आवाजों कि निशानी बदलाव देती है कदमों को अफसानों कि समझ तराने देती है दिशाओं को बदलावों कि अहमियत इशारे देती है अल्फाजों को लहरों कि उमंग नजारे देती है जज्बातों को एहसासों कि सौगात सहारे देती है।
हर रोशनी को पुकार कि राह किनारे देती है अदाओं को किनारों कि लहर अफसाने देती है दिशाओं को बदलावों कि सुबह नजारे देती है आशाओं को कदमों कि लहर दास्ताने देती है राहों को अंदाजों कि कोशिश परख देती है दिशाओं को जज्बातों कि सरगम धून कि पहचान देती है एहसासों को अरमानों कि सौगात सहारे देती है।
हर रोशनी को पुकार कि कोशिश तलाश देती है दिशाओं को बदलावों कि समझ पहचान देती है किनारों को लहरों कि उमंग उम्मीदे देती है अंदाजों को जज्बातों कि सोच अफसाने देती है आवाजों को खयालों कि समझ अरमान देती है दास्तानों को एहसासों कि रोशनी कि समझ खयाल देती है दिशाओं को बदलावों कि सौगात सहारे देती है।
हर रोशनी को पुकार कि समझ तराने देती है अंदाजों को नजारों कि तलाश अफसाने देती है लहरों को अल्फाजों कि सोच परख देती है दिशाओं को बदलावों कि सुबह उम्मीदे देती है तरानों को आशाओं कि निशानी एहसास देती है राहों को आशाओं कि निशानी एहसास देती है अरमानों को आशाओं के जज्बातों कि सौगात सहारे देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५१६५. उम्मीदों को किनारों की।

                               उम्मीदों को किनारों की। उम्मीदों को किनारों की सौगात इरादा देती है आवाजों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है द...